भाजपा नेताओं पर नागर का निशाना
सेक्टर-123 में डंपिंग ग्राउंड बनाने के पीछे कुछ लोगों के निजी हित
नोएडा। सेक्टर-125 में बन रहे हैं डंपिंग ग्राउंड को लेकर जहां एक और स्थानीय निवासियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। वही राज्यसभा सांसद एवं सपा महासचिव सुरेंद्र नागर ने डंपिंग ग्राउंड बनने के पीछे के कारणों को उजागर कर भाजपा में खलबली मचा दी है।सांसद सुरेंद्र नागर ने सत्ताधारी पार्टी के चंद लोगों पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि यदि एयरपोर्ट स्कूली गांव में बनता है तो इन लोगों को नुकसान होगा। क्योंकि एयरपोर्ट आ जाने के बाद इलाकों में जमीन के रेट बढ़ जाएंगे। अभी से ही इन चंद लोगों में अपने गुर्गों को सक्रिय कर दिया है। जो ग्रामीणों से जमीन खरीद कर इस इंतजार में है कि एयरपोर्ट के नाम पर जमीन कई गुना दरो से बढ़ जाएगी। सुरेंद्र नागर ने दावा किया कि एयरपोर्ट बनने की राह इतनी आसान नहीं है। किसान जमीन देने को राजी नहीं है क्योंकि दमनकारी नीति अपना कर ही उनसे जमीन दी जा रही है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि डंपिंग ग्राउंड विरोध के बाद भी बनता है तो अखिलेश सरकार के सत्ता में आते ही इसे यहां से हटाया जाएगा। उन्होंने पिछली सरकारों का जिक्र करते हुए कहा कि सेक्टर-123 में जब भी डंपिंग ग्राउंड बनाने का प्रस्ताव आया तभी उसे रोक दिया गया और इसे अस्तबली में बनाने का निर्णय लिया गया था। इस सब के बावजूद भाजपा सरकार में चंद लोगों के फायदे के लिए सेक्टर 123 में डंपिंग ग्राउंड बनवाने के लिए प्राधिकरण अफसरों पर दबाव बना दिया। इसीलिए एनजीटी को दिए गए विवरण में भी हेरफेर किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्राधिकरण ने एनजीटी को दिए गए तत्वों में वास्तविकता नहीं बताई बल्कि वही तथ्य पेश किए। जो प्राधिकरण के हित में थे सुरेंद्र नागर ने कहा कि किसी भी सूरत में डंपिंग ग्राउंड नहीं बनने देंगे बिल्डरों को दी गई रियायती दरों पर जमीन के सवाल पर सुरेंद्र नागर ने कहा कि किसी भी उद्योग को लगाने के लिए सबसे पहले उद्यमी को रियायत देनी पड़ती है ताकि धन्यवाद धन्य उसके लिए प्रोत्साहित हो रियल स्टेट कारोबार में एक वक्त था लेकिन भाजपा सरकार के कार्यकाल में लोगों की काम धंधे चौपट हो गए हैं।
डंपिंग ग्राउंड नहीं एसएफएल कहिए
नोएडा। सेक्टर-123 में बन रहे डंपिंग ग्राउंड को लेकर प्राधिकरण विज्ञापन के जरिए लोगों को बता रहा है कि ये डंपिंग ग्राउंड नहीं है बल्कि सेनेस्ट्ररी लैंडफिल साइट है। यहां पर कूड़े से ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा।
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प्राधिकरण ने विज्ञापन में छपवाया है कि कुछ लोगों को शंका जाहिर है कि यहां अपशिष्ट से गाजीपुर जैसा पहाड़ बनेगा लेकिन स्पष्ट किया जाता है कि यहां वैसी स्थिति नहीं होगी। दैनिक स्तर पर अपशिष्ट का वैज्ञानिक पद्वति से निपटान किया जाएगा। अपशिष्ट की ऊंचाई धरातल से नहीं होगी यहां पर पर्यावरण का पूरा ध्यान रखा जाएगा। यह काम एनजीटी के आदेश पर किया जा रहा है।