बिल्डरों की धोखाधड़ी पर प्राधिकरण का शिंकजा
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण की 64वीं बोर्ड बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। सबसे बड़ा फैसला बिल्डरों के लिए लिया गया है। अब तक 10 फीसदी देकर ही बिल्डर भूखंड पर कब्जा ले लेते थे। मगर अब 40 फीसदी भुगतान करने के बाद ही बिल्डरों को भूखंड मिलेगा।
बिल्डर अपने प्रोजेक्ट में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सस्ते फ्लैट बना सकेंगे। इसके लिए उन्हें 10 फीसदी व्यवसायिक उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। इतना ही नहीं एक प्रतिशत एफएआर भी मिलेगा। इन फ्लैटों की कीमत करीब साढ़े 4 लाख होगी। इसमें से 2 लाख रुपए भारत सरकार की तरफ से और ढाई लाख रुपए आवंटी को देने होंगे।
यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन डा. प्रभात कुमार ने बताया कि बोर्ड बैठक में उद्योगों को लेकर भी फैसले लिए गए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को जमीन की कुल कीमत में 25 फ़ीसदी सब्सिडी दी जाएगी। ताकि जिले को इलेक्ट्रॉनिक हब के रूप में विकसित किया जा सके।
प्रदेश सरकार के निर्देश के अनुसार प्राधिकरण बोर्ड ने निर्णय लिया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स इकाइयों को मौजूदा दरों से जमीन की कुल कीमत पर 25 फीसदी पर जमीन आवंटित की जाएगी। इसका भुगतान प्रदेश सरकार यमुना प्राधिकरण को करेगी।
स्वच्छता अभियान पर जोर
यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छता अभियान पर जोर दिया गया है। ईडा के तहत आने वाले गांव में शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
प्राधिकरण के चेयरमैन डा. प्रभात कुमार ने बताया कि इस वक्त प्राधिकरण के अधीन 96 गांव हैं। इन गांवों में 80 सफाई कर्मचारी हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 160 की गई है। बड़े गांव में 3 सफाई कर्मचारी और छोटे गांव में एक सफाईकर्मी तैनात रहेंगे।
जल्द आएगी पंप और होटल की स्कीम
प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर अरुण सिंह ने बताया कि पेट्रोल पंप और होटल की स्कीम लाने के लिए बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। इस क्रम में 7 पेट्रोल पंप और 12 होटलों के लिए भूखंड स्कीम लाई जाएगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने से यहां औद्योगिक एवं व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी। जिसके चलते होटल की जरूरत पड़ेगी। यह योजना सेक्टर 29 में लाई जाएगी। जिसमें 12 होटलों के लिए भूखंड चयनित किए गए हैं। सेक्टर 18 और 20 में अब आबादी बढ़ेगी। इसीलिए यहां 7 पेट्रोल पंप खोलने की योजना है। वहीं रजिस्ट्री में देरी पर सिर्फ 3 माह की पेनल्टी लगेगी। आवासीय योजना 2009 के आवंटन को पेनल्टी में राहत दे दी गई है। डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि कब्जा दिए जाने के बाद 6 माह का समय रजिस्ट्री कराने के लिए दिया जाता है।