नोएडा। सेक्टर 21 जलवायु विहार की दीवार के साथ बन रहे नाले के दौरान गिरी दीवार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में चार लोगों की मौत हुई और 10 घायल हुए। पुलिस ने एफआईआर करने के बाद जांच पड़ताल शुरू कर दी। लेबर ठेकेदार गुल मोहम्मद गिरफ्तार है जबकि प्राधिकरण का ठेकेदार सुंदर यादव पुलिस की पहुंच से काफी दूर है।
इस सब के बीच एक नई कहानी और सामने आ रही है। प्राधिकरण और पुलिस जांच को लेकर आमने सामने हैं। प्राधिकरण अफसरों की निगाहों में जलवायु विहार आरडब्ल्यू द्वारा बनाई गई दीवार कमजोर थी और ठेकेदार की संभवत कोई गलती नहीं है। लेकिन पुलिस की जांच प्राधिकरण के अफसरों और ठेकेदारों के आसपास ही घूम रही है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि चार लोगों की मौत का जिम्मेदार केवल ठेकेदार ही नहीं है बल्कि प्राधिकरण के कुछ अधिकारी भी हैं। जिनसे विवेचना के दौरान अलग-अलग कमरे में बिठाकर पूछताछ भी की जा चुकी है।
इस मामले की जांच कर रहे थाना सेक्टर 20 के कोतवाल मनोज कुमार का कहना है कि कुछ तकनीकी बारीकियां वे प्राधिकरण अफसरों से समझ रहे हैं ताकि निष्पक्ष रूप से जांच होने के बाद दोषियों को सजा मिल सके। अब तक करीब दर्जन भर प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों से दीवार गिरने के बाद की गई एफआईआर की जांच में पूछताछ हो चुकी है।
आखिर कुछ ठेकेदारों को ही पूछताछ के लिए पुलिस ने क्यों उठाया
प्राधिकरण के विश्वसनीय सूत्र बता रहे हैं कि पुलिस की ओर से कई ठेकेदारों को भी पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया और उन्हें 8 से 6 घंटे तक थाने में ही रखा गया आखिर उनसे पुलिस क्या पूछताछ कर रही है यह अब तक खुलासा नहीं हो पा रहा है। लेकिन बताया जा रहा है कि पुलिस इन ठेकेदारों के जरिए कमीशन खोरी कनेक्शन का पता भी लगा रही है जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
प्राधिकरण के जीएम, एजीएम और जेई थाने के बाहर अपने अधिकारी को छुड़ाने पहुंच गए। उन्होंने पुलिस पर दबाव बनाया। जिसके बाद डीजीएम को छोड़ दिया गया। बताया जा रहा है कि कुछ ठेकेदारों को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए पकड़ा था।
इस संबंध में जब पुलिस से पूछा गया तो पुलिस ने गोलमोल जवाब दिया और कहा कि दीवार गिरने की विवेचना जारी है। इसमें जिस पर भी शक होगा उसे पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।