कोरोना काल में जल्लाद बने यथार्थ अस्पताल के 5 डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज

कोविड काल में 20 साल के युवक की मौत का है ंमामला
परिजनों का आरोप, पैसे लेने के बाद भी रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाया।
नोएडा के यथार्थ अस्पताल के पांच डाक्टरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। गाजियाबाद के प्रदीप कुमार शर्मा ने अपने 22 वर्षीय पुत्र दीपांशु को 30 अप्रैल 2021 में सेक्टर-110 यथार्थ अस्पताल में भर्ती कराया था। आरोप है कि डाक्टरों ने भुगतान के बावजूद मरीज को निर्धारित समय पर रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाया। जिससे मरीज की मौत हो गई।
मामले में पेंडेमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी के निर्देश पर गौतम बौद्ध नगर के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ टीकम सिंह को जांच के आदेश दिए थे। जांच कमेटी ने रिपोर्ट पूरी कर डाक्टरों के खिलाफ फेज-2 कोतवाली में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कराया है। डॉ टीकम सिंह की शिकायत पर यथार्थ अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत फेज 2 पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
एडिशनल डीसीपी साद मियां खां का कहना है कि मुकदमे की विवेचना शुरू कर दी है। हालांकि, यथार्थ अस्पताल के प्रबंध निदेशक कपिल त्यागी ने दावा किया कि मृतक के परिजनों के आरोप गलत है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. सुनील बालियान का कहना है कि जब युवक भर्ती हुआ था, उसके फेफड़े 90 प्रतिशत खराब हो चुके थे। करीब 36 दिन मरीज अस्पताल में भर्ती रहा। परिजन स्वेच्छा से मरीज को दिल्ली के निजी अस्पताल ले गए थे। जहां कुछ दिन बाद मरीज की मौत हो गई थी। आरोप बेबुनियाद है।
डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी को लेकर फेज दो थाने के प्रभारी परमहंस तिवारी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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