आगामी 22 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू होने जा रहा है। सावन के पहले दिन से कांवड़ यात्रा शुरू होती है। कावंड यात्री हरिद्वार के लिए निकल पड़ेंगे, लेकिन यात्रा से पहले यूपी पुलिस के एक आदेश से विवाद पैदा हुआ था। अब योगी सरकार ने कांवड़ रूट के दुकानों-ठेले वालों के लिए एक आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि सभी दुकानों, ठेलों पर अपनी नेम प्लेट लगानी होगी। ताकि कांवड़ यात्री जान सके कि वो किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं। दूसरी और संविधान भारत के हर नागरिक को पूरी आजादी से काम करने की अनुमति देता है। इतना ही नही अनुच्छेद 19 1 जी में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति अपने हिसाब से अपनी दुकान या किसी व्यवसाय का नाम रख सकता है। उसका ये मौलिक अधिकार है। क्या योगी सरकार मौलिक अधिकार पर वार कर रही है?
सीएम कार्यालय ने कहा
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर नेमप्लेट लगानी होगी और दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान होगा लिखना। कहा गया है कि कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है और हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी।
यूपी सरकार के मंत्री कपिल देव बोले
इस पूरे प्रकरण में यूपी सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा, हरिद्वार गोमुख से देशभर का कांवड़िया जल लेकर अपने गंतव्य की तरफ जाता है और विशेष रूप से उन्हें मुजफ्फरनगर में आना पड़ता है। देखने में आया है कि कुछ लोग अपने दुकानों, ढाबों, रेस्टोरेंट के नाम हिंदू धर्म के नाम पर लिखते हैं जबकि चलाने वाले उनके मुस्लिम लोग होते हैं। वह मुस्लिम है हमें कोई आपत्ति नहीं है दिक्कत यहां आती है जब वह अपनी दुकान पर नॉनवेज बेचते हैं। हिंदू धर्म के वैष्णो ढाबा भंडार, शाकुंभरी देवी भोजनालय, शुद्ध भोजनालय ऐसा लिख करके वह नॉनवेज बेचते हैं। उसमें बड़ी आपत्ति होती है।