Yamuna Expressway: शासन से स्वीकृति के फेर में अटका 30 हजार किसानों का मुआवजा
Yamuna Expressway: ग्रेटर नोएडाः यमुना एक्सप्रेस-वे की जमीन अधिग्रहण से प्रभावित 30 हजार किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा वितरण के स्वीकृति की फाइल शासन में अटकी हुई है और यमुना प्राधिकरण तारीख पर तारीख दे रहा है। जमीन अधिग्रहण से प्रभावित गौतमबुद्ध नगर समेत बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा व आगरा के किसान कई माह से मुआवजा पाने के लिए प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे हैं।
Yamuna Expressway:
जेपी इन्फ्राटेक का अधिग्रहण कर चुकी सुरक्षा रियल्टी कामकाज संभाल चुकी है। कंपनी एक्सप्रेस-वे पर टोल वसूली कर रही है, लेकिन किसानों को यीडा अधिकारियों के आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है। जेपी इन्फ्राटेक के अधिग्रहण कर चुकी सुरक्षा रियलटी को लेकर नेशनल कंपनी ला अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने मई में आदेश दिया था। इसके तहत कंपनी को आदेश दिया गया था कि वह यमुना एक्सप्रेस-वे से प्रभावित तकरीबन 30 हजार किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा वितरण के लिए यमुना प्राधिकरण को 1334.31 करोड़ रुपये का भुगतान करें। यमुना प्राधिकरण की 82वीं बोर्ड बैठक में मुआवजा वितरण के लिए शेष 360 करोड़ रुपये वहन करने पर सहमति देते हुए शासन से स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। प्राधिकरण ने दावा किया था कि किसानों को अतिरिक्त मुआवजे की पहली किस्त 30 सितंबर तक दे दी जाएगी। लेकिन बोर्ड बैठक बाद में यह तारीख निकल गई। इसके बाद दीपावली से पहले मुआवजे की पहली किस्त देने का भरोसा दिया गया, लेकिन दीपावली भी बिना मुआवजा मिले बीत गई। शासन से स्वीकृति अभी तक नहीं मिली है।
प्राधिकरण किस्त जारी करने के लिए शासन ने स्वीकृति का इंतजार कर रहा है। किसानों के साथ जेपी इन्फ्राटेक की आवासीय परियोजना के बीस हजार घर खरीदारों को भी प्रस्ताव पर स्वीकृति की मुहर लगने का इंतजार है। ज्ञात हो कि यमुना एक्सप्रेस-वे के साथ जेपी इन्फ्राटेक को अनुबंध के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर समेत पांच जगहों पर पांच-पांच सौ हेक्टेयर के लैंड पार्सल भी दिए गए थे। इस जमीन के प्रभावित किसानों को भी 64.7 प्रतिशत मुआवजा का वितरण होना है। यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. अरुणवीर सिंह का कहना है कि शासन से स्वीकृति मिलते ही मुआवजे की पहली किस्त किसानों को जारी कर दी जाएगी।
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