Yamuna Authority: यमुना प्राधिकरण की 82वी बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका सीधा लाभ गौतमबुद्ध नगर से लेकर आगरा तक के लगभग 30 हजार किसानों को मिलेगा। इन किसानों को 64 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे का भुगतान करने पर सहमति बन गई है। अब किसान मालामाल होंगे। दरअसल, लंबे समय से चले आ रहे भूमि अधिग्रहण विवाद को समाप्त करते हुए यह निर्णय लिया गया, जो यमुना एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।
सीईओ डॉ.अरूणवीर सिंह बोले
प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरूणवीर सिंह ने बताया कि अतिरिक्त मुआवजे की कुल राशि 2,069 करोड़ रुपये होगी, जिसमें 1,689 करोड़ रुपये सुरक्षा कंपनी देगी, जबकि 380 करोड़ रुपये का योगदान यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण करेगा। इस फैसले के तहत 10 साल से चल रहे मुआवजे के विवाद को सुलझाने की कोशिश की गई है। किसानों और प्राधिकरण के बीच मुआवजे को लेकर मतभेद थे, जो अब समाप्त होने की कगार पर हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहित की गई जमीन को लेकर यह विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका था। किसानों को उनकी जमीन के बदले अधिक मुआवजा न मिलने की वजह से 30 हजार किसान असंतुष्ट थे, जो गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा जिलों के निवासी हैं। इसी कारण से जेपी प्रोजेक्ट के लगभग 18,852 होमबायर्स भी प्रभावित हो रहे थे, क्योंकि परियोजनाओं में निर्माण कार्य धीमा था और समय पर घर नहीं मिल पा रहे थे।
इस नए मुआवजा प्रस्ताव को प्राधिकरण ने ध्वनिमत से पारित कर दिया है। अब यह प्रस्ताव राज्य सरकार को अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि सरकार की मंजूरी के बाद अक्टूबर महीने से मुआवजे का वितरण शुरू हो जाएगा। इसके बाद जेपी प्रोजेक्ट में फंसे कार्यों को गति मिलेगी और प्रभावित होमबायर्स को जल्द ही उनके घर मिल सकेंगे। डॉ.अरूणवीर सिंह ने बताया कि इस निर्णय से न केवल किसान संतुष्ट होंगे, इससे जेपी प्रोजेक्ट के रुके हुए काम भी तेजी से पूरे हो सकेंगे। पिछले कई वर्षों से चले आ रहे इस विवाद के समाधान के बाद क्षेत्र में विकास कार्यों में गति आने की उम्मीद है। 7 साल से अटकी हुई परियोजनाओं को भी अब नई दिशा मिलेगी और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में रहने वाले किसानों और होमबायर्स को बड़ी राहत मिलेगी।
अक्टूबर से मुआवजे का होगा वितरण
अक्टूबर से मुआवजे का वितरण शुरू होने के साथ ही, किसानों के लंबित मामलों का निपटारा हो जाएगा। यह कदम न केवल किसानों के लिए राहत भरा है, बल्कि पूरे यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। इस फैसले से क्षेत्रीय विकास और किसानों के आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना प्रबल हो गई है, जिससे पूरे क्षेत्र में विकास कार्यों को बल मिलेगा।
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