G-20 Summit भारत के लिए क्यो है महत्पूर्ण, इससे पहले कब की मेजबानी, जानें

विदेशी कूटनीति के लिए यह जरूरी है कि भारत अपने आप को अच्छे से अच्छा और विकास के मामले में कई कदम आगे वाला देश दिखाएं पूरी दुनिया की निगाहें दिल्ली की तरफ टिकी है जब भी कोई बड़ा आयोजन होता है तो दूसरे देशों के बड़े-बड़े नेता शामिल होते हैं मेजबान देश की जिम्मेदारी बढ़ जाती है दिल्ली की सड़क खाली हैं और मेहमानों की देखभाल का पूरा ख्याल रखा जा रहा है भारत के लिए यह बड़ा अफसर है जी-20 की मेजबानी इससे पहले भारत को 2003 में मिली थी हर 20 साल में हर सदस्य देश की जी सबमिट करने की बारी आती है इस वीडियो को आखिरी तक देखिए तो पता चलेगा कि आखिर भारत के लिए g20 क्यों महत्वपूर्ण है और इसका प्रचार प्रसार कुछ हद से ज्यादा ही क्यों हो रहा है दिल्ली में आमजन को घरों में ही कैद क्यों किया गया है

जी 20 लेवल का जब कोई बड़ा आयोजन होता है तब मेजबान देश के पास दुनिया को अपनी क्षमता दिखाने का बेहतरीन मौका होता है भारत न केवल आर्थिक मामलों में तेजी से प्रगति कर रहा है बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर मामले में भी आगे बढ़ चुका है इस मौके पर हम सामाजिक आर्थिक वैज्ञानिक क्षमता संस्कृत के अलावा अपने देश के हुनर को प्रदर्शित कर सकते हैं इसमें कोई संडे नहीं की ग्लोबल साउथ के जो देश दिल्ली आएंगे वह यह सब देखकर प्रेरित होंगे भारत जैसी विशाल जनसंख्या वाला देश जो उन्हें की तरह मुश्किलों से उबर कर आगे आया है आज किस तरह से वैश्विक मंच पर विकसित देशों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है इसका फायदा यह भी होगा कि भारत को एक बड़ा बाजार भी मिलेगा भारत जिस तरह से आत्मनिर्भर और नई तकनीक के विकास पर जोर दे रहा है उसे निवेश को भी आमंत्रित करना इजी हो जाएगा और देश को फायदा मिलेगा कोरोना के बाद चीन को लेकर दूसरे देशों में नेगेटिव विचार और पिक्चर बननी शुरू हो गई इसका लाभ भारत से मिल सकता है g20 की अध्यक्षता भारत पहले ही बात नहीं कर रहा इससे पहले भी कर चुका है 2003 में भारत ने t20 की अध्यक्षता की थी और कई महीनो में 2003 से कंपेयर करें तो आज काफी कुछ एक साथ दिख रहा है उसे वक्त शाइनिंग इंडिया का अभियान चलाया भारत उसे वक्त अमेरिका के रणनीतिक भागीदार बनने की तैयारी कर रहा था हालांकि अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों ने भारत के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर पाबंदियां लगाई थी 2003 के अगले ही वर्ष 2004 में लोकसभा चुनाव भी थे जो अब 2023 बाद 2024 में होने हैं हालांकि आर्थिक हालत काफी बदले हुए हैं उसे वक्त अर्थव्यवस्था काफी नीचे थी लेकिन अभी भी कोविद के दौरान अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता हुई लेकिन आत्मनिर्भर भारत जैसे नारे के साथ अर्थव्यवस्था को उभर गया है जी 20 समिट इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि भारत चांद और सूरज पर भी पहुंच चुका है भारत एक ऐसा देश बन गया है जिसने चांद के दक्षिणी  ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की है यह हकीकत है कि g20 के फायदे नुकसान गोदी मीडिया को निष्पक्ष रूप से दिखने चाहिए लेकिन हो क्या रहा है अब गोदी मीडिया को सनातन धर्म पर बहस करने का एक नया मुद्दा मिल गया है लेकिन इसको छोड़ते हैं आते हैं जी-20 पर ही g20 स्लिप महत्वपूर्ण है कि 2008 में आपने देखा होगा कि ग्लोबल रिसेशन आया दुनिया भर में आर्थिक लेकिन यदि सभी देश एक दूसरे के साथ मजबूती से खड़े होते तो इससे निपटा जा सकता था तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने हालातो को एक विशेषज्ञ के तौर पर संभल लिए
g20 में रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का शामिल न होना भी कई सवाल उठा रहा है और ऐसा लगने लगा है कि दोनों ही देश जानबूझकर इससे किनारा कर रहे हैं चीन का मकसद है कि अमेरिका को कूटनीति के जरिए पीछे करना जबकि पुतिन कर्म से भारत नहीं आ रहे जबकि रूस भारत के सबसे पुराने दोस्तों में से एक है जी-20 का प्रचार प्रसार भी सीधे किया गया है ताकि जन-जन तक खबर पहुंच जाए कि भारत पूरी मजबूती शिद्दत से इसकी मेजबानी कर रहा है बरहाल हमारे लिए यह बड़ा अफसर है जब दुनिया भर के नेता हमारी संस्कृति वेशभूषा परिधान औद्योगिक क्षमता टैलेंट आदि से परिचित होंगे और कुछ देश ऐसे होंगे जो भारत से प्रेरित होंगे भारत इसलिए कह रहा हूं इंडिया कहाँ पर बॉयकॉट हो सकता है चलिए छोड़िए यह सब राजनीति है लेकिन संविधान भारत और इंडिया को एक ही नजरों से देखा है
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