आज का दिन एनडीए और आईएनडीआईए गठबंधन के लिए बेहद महत्पूर्ण है। बैठको का दौर शुरू हो चुका है। देखना है कि सरकार कौन बनाता है। फिलहाल चर्चाएं संभावनाओं पर ही हो रही है। यदि नीतिश पलट जाते है और चन्द्रबाबू भी इंडिया एलायंस में आ जाते है तब भी सरकार बनाना आसान नही है। एनडीए पूर्ण बहुमत से 8 सीटें दूर जाएगा मगर सबसे बड़ा गठबंध होने के कारण पीएम मोदी को ही सरकार बनाने का न्योता मिलेगा बाद में वे अपना बहुमत साबित करते रहेंगे।
दरअसल, जिस ब्रांड मोदी ने विधानसभा चुनावों में कमाल कर दिया था वही ब्रांड मोदी लोकसभा में वैसा करिश्मा क्यों नहीं कर पाया? कुछ दिनों में मोदी की बजाय उम्मीदवार कैसे अधिक महत्वपूर्ण हो गए। भाजपा के लिए ये गहरे चिंतन का विषय है। ‘इंडिया शाइनिंग’ मुहिम के बाद भाजपा को ये दूसरा और झटका है, पर इस बार कश्ती जैसे-तैसे किनारा तलाश रही है। इस चुनाव में भाजपा ने एक सुनहरा अवसर खोया है। देश को एक अलग तरह की राजनीति और लोकतन्त्र देने का अवसर।
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अब तस्वीर साफ है। लंबे, तपा देने वाले और थका देने वाले चुनाव खत्म हो गए। परिणाम भी आ गए। सारे किन्तु-परंतु हट गए, प्रश्न चिन्ह मिट गए। 2024 के आम चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक रहे। ये देश की दशा और दिशा को तय करने वाले चुनाव थे। भारत के लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया के अध्ययन में अकादमिक दिलचस्पी रखने वालों के लिए भी ये चुनाव एक महत्वपूर्ण अध्याय, एक केस स्टडी साबित होंगे। एक्जिट पोल को पोल खुल गई है। भारत के चुनाव बाहर से जितने सीधे, स्पष्ट और आसान नजर आते हैं, अंदर से उतने ही पेचीदा, उलझन भरे और भरमाने वाले हैं।
चलिए अब बताते है कि सिनेरियो सरकार बनने के क्या क्या हो सकते है।
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1 भाजपा को 240 सीटें मिली है यानी पूर्णबहुमत से 32 सीटें दूर जबकि एनडीए के सभी दलों को जोड़े तो कुल 292 सीटें है जिसमें टीडीपी यानी चन्द्रबाबू नायडू की 16 सीटें है। अगर वे एनडीए का साथ छोड़ते है तो बहुमत से 4 सीटें अधिक पर मोदी सरकार बन सकती है। मान लो नीतिश पलट जाते है तो एनडीए बहुमत से 8 सीटें दूर हो जाएगा। क्योकि नीतिश के पास 12 सीटें है। ऐसी स्थिति में यदि मोदी सरकार बना लेते है तो पूर्ण बहुमत साबित करने के लिए उन्हें 8 निर्दलीयों के साथ छोटे दलों को साथ लेना होगा। कुल मिलाकर किंग मेकर छोटे दल बन जाएंगे।
2 सिनेरियो है कि इंडिया गठबंधन सरकार बनाता है तो उसकी राह भी आसान नही है। टीडीपी ओर जेडीयू दोनों इडिया गठबंधन में आए जाए तक भी पूर्ण बहुमत से 10 सीटें दूर रह जाएंगे। मान लो कि लोजपा राम विलास भी साथ आ जाए तब 5 सीटों की कमी रह जाएगी।
न्बर गेम से साफ है कि मोदी सरकार बनाने की राह आसान है। उसके अलावा राष्टपति भी सबसे बड़े दल को ही सरकार बनाने के लिए बुलाएगा। इसलिए अपनी संविधानिक शक्तियों का प्रयोग कर राष्टपति भाजपा को ही सरकार बनाने का न्यौता दे सकती है। फिलहाल दिल्ली में गरमा गर्म तापमान के बीच सियासी पारा चढा हुआ है। शाम को इंडिया गठबंधन की बैठक है। सबकी निगाहें एनडीए एलांयस पर है।