Greater Noida: बेमानी में भी नहीं बरती ईमानदारी तो दोस्तों ने ही कर दी हत्या, जानिए पुलिस ने वारदात से कैसे उठाया पर्दा
Greater Noida: कोतवाली दादरी पुलिस ने ग्रेटर नोएडा हायर कंपनी के पास मिले शव की शिनाख्त की और फिर हत्या की गुत्थी सुलझा दी है। सामने आया है कि बेईमानी के रुपए के बंटवारे को लेकर दोस्तों ने ही हत्या की थी।
ऐसे हुई वारदात
गत 7 अक्टूबर को थाना दादरी क्षेत्रान्तर्गत हायर गोल चक्कर के पास अज्ञात शव मिलने की सूचना प्राप्त हुई। सूचना पर आला अफसर द्वारा स्थानीय पुलिस, फील्ड यूनिट व डॉग स्कवाड टीम के साथ मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षण किया गया। डीसीपी ग्रेटर नोएडा द्वारा अज्ञात शव की शिनाख्त के लिए 4 टीमो का गठन किया गया तथा सोशल मीडिया, इलैक्ट्रोनिक सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन व पम्पलेट आदि के माध्यम से मृतक की शिनाख्त अमित कुमार सिंह पुत्र उमा शंकर निवासी थाना क्षेत्र बिसरख के रूप मे हुई।
खुलासे के लिए लगाई थी पुलिस की चार टीमें
उक्त घटना के अनावरण के लिए गठित 4 टीमो द्वारा घटनास्थल के इनर कार्डन व आऊटर कार्डन व अन्य रास्तो पर लगभग 200 सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन के पश्चात घटनास्थल पर दो गाडियां वैगनआर व क्रेटा टैमप्रेरी नम्बर पायी गयी तथा दोनो कारो से दो लोग उतरते हुए दिखायी दिये। सीसीटीवी फुटेज व फोटो के आधार पर दोनो संदिग्धो की पहचान मृतक के साथ कम्पनी मे काम करने वाले सचिन तंवर उर्फ संदीप पुत्र ईश्वर सिंह निवासी गांव मांडी थाना फतेहपुर बेरी दिल्ली हाल पता केबी नोज सिटी ग्रीन सोसाइटी बिसरख थाना बिसरख गौतमबुद्धनगर उम्र 25 वर्ष, रमेश उर्फ रामा के रूप मे हुई। घटना के क्रम मे इनके दो अन्य साथी 1. हिमांशु पुत्र मोहन निवासी मकान नं 172 गली नंबर 1 जवाहर कालोनी मांडी पाडी थाना फतेहपुर बेरी दिल्ली उम्र 23 वर्ष 2. ओमप्रकाश उर्फ शिवम उर्फ बैलू पुत्र छोटेलाल निवासी संदीप जनरल स्टोर वाली गली जवाहर कालोनी मांडी पाडी थाना फतेहपुर बेरी दिल्ली उम्र 24 वर्ष का नाम प्रकाश मे आये ।
दिनांक 9 अक्टूबर को थाना दादरी पुलिस द्वारा प्रकाश मे आये अभियुक्तों हिमान्शु, ओमप्रकाश उर्फ शिवम उर्फ बैलू, सचिन तंवर उर्फ संदीप को मय 1 पाना (आलाकत्ल), 20,000 रूपये व घटना में प्रयुक्त वैगनार कार नंबर एचआर 38 एई 9889 व क्रेटा गाडी नंबर टी 0924 डीएल 7656 के साथ हायर कम्पनी की तरफ से मायचा जाने वाले रोड से गिरफ्तार किया गया।
घटना का कारण
पकडे गये तीनो अभियुक्तगण ने पूछने पर बताया कि हम तीनो व हमारा चैथा साथी रमेश उर्फ रामा, मृतक अमित कुमार के साथ काम करते थे। हम सब मिलकर कमीशन का लालच देकर फर्जी ग्राहक बनाकर उनके आधार कार्ड लेकर आधार कार्ड में पता व मोबाइल नम्बर बदलवाकर फर्जी पे स्लिप के आधार पर बैंक में खाता खुलवाकर बैंक से फर्जी लोन स्वीकृत करा लेतें हैं। लोन पास होने पर उसका कमीशन हम सभी लोग आपस में बांट लेते है। लेकिन अमित कुमार के द्वारा कई लोन के मामलों में हमारा हिस्सा नही दिया गया था। जिसकी वजह से हम तीनों ने अपने चैथे साथी रमेश उर्फ रामा के साथ मिलकर अमित को मारने का प्लान बनाया था। दिनांक 06 अक्टूबर को अमित कुमार हमने हमारे हिस्सें के रूपये देने के लिए केबी नोज ग्रीन सोसाइटी बिसरख के पास बुलवाया था। अमित कुमार इसी काले रंग की क्रेटा कार से आया था। हम चारो अपनी वेगनआर कार मे उसका इन्तजार कर रहे थे। अमित कुमार के आने पर हम चारो भी उसकी क्रेटा कार मे बैठ गये तथा पैसे के लेन देन को लेकर हम चारो का अमित कुमार से विवाद हुआ। हम तीनो ने अपने चैथे साथी रमेश उर्फ रामा के साथ मिलकर वही पर कार में ही लोहे के पंच व पाने से पीट पीट कर उसकी हत्या कर दी तथा शव की पहचान छुपाने के लिए उसके शव को उसके घर से दूर हायर कम्पनी के पास फेंक दिया। अमित से जो 80 हजार रूपये मिले थे, उन्हे हमने आपस मे बांट लिया था। अन्य की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है।