Water crisis: हिमाचल, दिल्ली को 137 क्यूसेक दे पानी, हरियाणा करे मदद: सुप्रीम कोर्ट
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5 दिन में रिपोर्ट मांगी, दिल्ली सरकार से कहा-पानी की बबार्दी रोकें
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दिल्ली सरकार ने राज्य में जलसंकट के चलते सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी याचिका
Water crisis: नई दिल्ली । दिल्ली सरकार ने राज्य में जलसंकट के चलते सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी कि वह हरियाणा, हिमाचल और उत्तर प्रदेश को एक महीने एक्स्ट्रा पानी देने का निर्देश दे। कोर्ट ने 6 जून को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हिमाचल को पानी देने में कोई आपत्ति नहीं है, इसलिए वह अपस्ट्रीम से 137 क्यूसेक पानी दिल्ली के लिए छोड़े।
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वहीं, हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि जब पानी हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जाए तो हरियाणा वजीराबाद तक पानी पहुंचाने में मदद करे, ताकि बिना किसी बाधा के दिल्ली के लोगों को पीने का पानी मिल सके। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी पानी की बबार्दी रोकने कहा है। जस्टिस पी के मिश्रा और के वी विश्वनाथन की वेकेशन बेंच ने 7 जून से ही पानी छोड़ने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा- पानी की बबार्दी नहीं होनी चाहिए, न ही कोई राजनीति होनी चाहिए। कोर्ट ने सभी पक्षों से सोमवार 10 जून तक इस मामले पर रिपोर्ट सौंपने कहा है। दिल्ली सरकार ने जल सकंट पर 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को दिल्ली को एक महीने तक एक्स्ट्रा पानी छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
दिल्ली में जल संकट क्यों हुआ
दिल्ली में जल संकट के दो कारण हैं- गर्मी और पड़ोसी राज्यों पर निर्भरता। दिल्ली के पास अपना कोई जल स्रोत नहीं है। पानी के लिए यह पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है। दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक इस साल दिल्ली जरूरत हर दिन 32.1 करोड़ गैलन प्रति दिन पानी की कमी से जूझ रहा है।
दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक राज्य को रोजाना 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत है। लेकिन गर्मियों में केवल 96.9 करोड़ गैलन प्रति दिन ही मांग पूरी हो पा रही है। यानी दिल्ली की 2.30 करोड़ आबादी को हर दिन 129 करोड़ गैलन पानी चाहिए, लेकिन उसे सिर्फ 96.9 करोड़ गैलन पानी ही मिल रहा है।
दिल्ली को पानी इन राज्यों से मिलता है
दिल्ली में पानी की जरूरत हरियाणा सरकार यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी से और पंजाब सरकार भाखरा नांगल से मिले पानी से पूरी करती है। 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली को हर दिन यमुना से 38.9 करोड़ गैलन, गंगा नदी से 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा-नांगल से रावी-व्यास नदी से 22.1 करोड़ गैलन पानी मिलता था। इसके अलावा कुंए, ट्यूबवेल और ग्राउंड वाटर से 9 करोड़ गैलन पानी आता था। यानी दिल्ली को हर दिन 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता था। 2024 के लिए यह आंकड़ा बढ़कर 96.9 करोड़ गैलन हो गया है।
जेल जाने से पहले केजरीवाल ने भी अपील की थी
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सरेंडर करने से पहले पानी की कमी से जूझ रही दिल्ली की जनता के लिए भारतीय जनता पार्टी से अपील की थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि इखढ हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अपनी सरकारों से दिल्ली को एक महीने के लिए पानी देने के लिए कहे।
पानी छोड़ने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बोली भाजपा
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश को दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया। जिसके बाद दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने इस फैसले को लेकर खुशी जताई और कहा कि हम पहले दिन से यही बात कह रहे थे और आज कोर्ट ने भी हमारी बात को सही साबित कर दिया।
फैसले को लेकर अठक से बात करते हुए सचदेव ने कहा, ‘दिल्ली सरकार खुद माननीय न्यायालय में गई थी और आज माननीय न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया कि दिल्ली सरकार को हरियाणा नहीं, हिमाचल प्रदेश अतिरिक्त पानी देगा। तो हम जिस बात को पहले दिन से कह रहे थे कि आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता, मंत्री, मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं कि हरियाणा पानी नहीं दे रहा वो स्पष्ट हो गया कि हिमाचल को अतिरिक्त पानी देना है, हरियाणा अपना पानी पूरा दे रहा था, और जो डर्टी पॉलिटिक्स आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता के साथ पानी को लेकर खेल रही थी, उसका आज पदार्फाश हुआ है।
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