जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने आज एक बार फिर से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ क्षेत्र के काफी लोग विधायक धीरेंद्र सिंह के साथ रहे। उन्होंने प्रशासनिक तैयारियों का भी जायजा लिया और बाढ़ से उत्पन्न समस्याओं की समीक्षा की।’ जैसा की हम सभी जानते है कि देश के कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है, जिनमे से ’जेवर क्षेत्र के दर्जनों ग्रामों से होकर गुजर रही यमुना नदी ने रौद्र रूप धारण कर, तटीय क्षेत्र के ग्रामों झुप्पा, शमशमनगर, कानीगढ़ी, गोविंदगढ़, सिरसा माचीपुर, कर्रौल, जेवर खादर आदि को अपनी चपेट में ले लिया है और फसलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। काफी स्थानों पर जल खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है।
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विधायक धीरेंद्र सिंह ने ’उपजिलाधिकारी व तहसीलदार जेवर, सहायक पुलिस आयुक्त जेवर, प्रभारी निरीक्षक जेवर के साथ-साथ सिंचाई विभाग, ग्राम्य विकास, पंचायत विभाग, विद्युत विभाग, पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य विभाग आदि के आधिकारियोंध्कर्मचारियों के साथ उत्पन्न होने वाली, आपात स्थिति से निपटने के लिए ग्रामों में आपदा मित्र बनाए जाने व खाद्यान्न किट, मेडिकल किट, डिग्निटी किट, पीए सिस्टम, गोताखोरों की व्यवस्था, नाव एवं नाविकों की व्यवस्था, जीवन रक्षक उपकरण, मोटर वोट व कंट्रोल रूम को और अधिक सक्रिय करने पर सार्थक चर्चा की।
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बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले ग्राम चंडीगढ़ में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। यूपी हरियाणा इंटर स्टेट मार्ग ध्वस्त हो गया है, बिजली के पोल जमींदोज हो गए हैं, ग्राम के चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है। इस विस्फोटक स्थिति को लेकर ’धीरेंद्र सिंह काफी चिंतित हुए और शीघ्र ही हालात से माननीय मुख्यमंत्री जी को भी अवगत कराने की बात कही। लोगों, महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों को सुरक्षित निकलने और उनके लिए अस्थाई पुनर्वास के लिए भाईपूर भोले के मंदिर के पास आशियाना बनवाया गया तथा उनके खाने-पीने एवं दवाइयों की भी व्यवस्था कराई गई व उनके मवेशियों एवं मवेशियों के चारे का भी इंतजाम कराया गया है।’
हालत बेकाबू न होने पाए, इसके लिए दिन रात स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है। ’धीरेंद्र सिंह ने लोगों और पशुओं के सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के इंतजामों का भी लिया जायजा। शीघ्र ही सर्वे कराकर फसलों के नुकसान का कराया जाएगा आंकलन, ताकि उचित मुआवजे की व्यवस्था की जा सके।’ याद रहे की बीते दिनों हथनीकुंड बैराज से तीन लाख क्यूसेक से भी अधिक पानी छोड़े जाने से हालात खराब हो गए है।