Violence in Bangladesh: हादी की मौत के बाद हिंसा और प्रदर्शन, दिल्ली या ढाका” जैसे नारे लगे, जनाजा की नमाज आज

Violence in Bangladesh: बांग्लादेश में जुलाई विद्रोह के प्रमुख नेता और इंकिलाब मंचो के प्रवक्ता शरीफ ओसमान हादी की मौत के बाद देश भर में हिंसा और प्रदर्शनों का दौर जारी है। हादी की मौत 18 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में हुई, जहां वे गोलियों से घायल होने के बाद इलाज करा रहे थे। अंतरिम सरकार ने उनकी मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है और आज (20 दिसंबर) को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया है।

अंतिम संस्कार की व्यवस्था
हादी का पार्थिव शरीर शुक्रवार शाम ढाका पहुंच चुका है। आज दोपहर 2 बजे जातीय संसद भवन के दक्षिण प्लाजा (माणिक मिया एवेन्यू) में जुमे की नमाज के बाद जनाजा की नमाज अदा की जाएगी। परिवार की इच्छा के अनुसार, उन्हें राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के बगल में ढाका विश्वविद्यालय केंद्रीय मस्जिद के पास दफनाया जाएगा। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।

हिंसा और प्रदर्शनों की घटनाएं
हादी की मौत की खबर फैलते ही गुरुवार रात से ढाका और अन्य शहरों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख समाचार पत्रों प्रथम आलो और डेली स्टार के कार्यालयों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की। जिसके कारण दोनों अखबारों की छपाई और ऑनलाइन प्रकाशन प्रभावित हुआ। प्रदर्शनकारियों ने इन मीडिया हाउसों पर भारत समर्थक होने और हादी की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया, जिसे दोनों अखबारों द्वारा खारिज किया गया है।

इसके अलावा:
• ढाका में छायनाट और उदीची जैसे सांस्कृतिक केंद्रों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई।
• चटगांव में भारत के सहायक उच्चायोग पर पत्थर फेंके गए।
• पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी नोफेल के घर में आग लगाई गई।
• मयमनसिंह में एक हिंदू व्यक्ति की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जिसकी अंतरिम सरकार ने कड़ी निंदा की है।

प्रदर्शनकारी “दिल्ली या ढाका” जैसे नारे लगा रहे हैं और भारत पर हादी के हमलावरों को शरण देने का आरोप लगा रहे हैं। शाहबाग चौराहे पर हजारों लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।

अंतरिम सरकार और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने हादी की मौत को राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया और हिंसा करने वाले “कुछ उपद्रवी तत्वों” की निंदा की। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव और लोकतांत्रिक संक्रमण को पटरी से उतारने की कोशिशें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। सरकार ने हादी के हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी और न्याय का वादा किया है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने हादी की हत्या की निष्पक्ष जांच की मांग की है। अमेरिकी दूतावास ने अमेरिकियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। यूरोपीय संघ और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी हिंसा की निंदा की है।
पृष्ठभूमि

32 वर्षीय हादी 2024 के छात्र आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया। वे भारत के कट्टर आलोचक थे और हसीना की भारत से निकटता का विरोध करते थे। फरवरी 2026 के चुनाव में वे ढाका-8 सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार थे। 12 दिसंबर को ढाका में रिक्शा पर सवार हादी पर बाइक सवार हमलावरों ने गोली चलाई थी जिसके कारण वो घायल हो गए और अब उनकी मृत्यु हो गई है। मुख्य संदिग्ध फैसल करीम मसूद अभी फरार है।

बांग्लादेश में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। अंतरिम सरकार ने शांति की अपील की है, लेकिन चुनाव से पहले अस्थिरता की आशंकाएं बढ़ गई हैं।

यहां से शेयर करें