कलेक्टर ने बताया कि जिले में 118 पुनर्वास केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां लोगों को सुरक्षित स्थानांतरित किया जा रहा है। विशेष रूप से भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को इन केंद्रों में स्थानांतरित करने का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे इन पुनर्वास केंद्रों का उपयोग करें और सुरक्षित रहें।
चक्रवात के खतरे को देखते हुए कमजोर स्थानों जैसे पुरानी इमारतों, बड़े और पुराने पेड़ों, टाइलों वाले ढांचों और होल्डिंग पॉइंट्स पर विशेष ध्यान दिया गया है। इनमें से अधिकांश को हटा दिया गया है ताकि किसी भी तरह के नुकसान को कम किया जा सके।
कलेक्टर ने यह भी बताया कि चिकित्सा, कृषि, बिजली और अग्निशमन विभागों की टीमें भी मैदान में तैनात हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि पूरे जिले में चक्रवात से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को अत्यंत सावधानी और जिम्मेदारी के साथ संभाला जाएगा।
जिला प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत नजदीकी पुनर्वास केंद्र या प्रशासन से संपर्क करने की अपील की है। साथ ही, मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।

