Uttar Pradesh:अब यूपी में स्टांप चोरी करना हो जाएगा मुश्किल, योगी सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में लगातार जमीन की खरीद फरोत में स्टांप चोरी करने की शिकायतें सामने आती है। इन शिकायतों से निपटने के लिए योगी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। जिसमें सबसे और फैसला है जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी यानी जीपीए का। यदि आप जीपीए कराएंगे तब भी आपको रजिस्ट्री की तरह ही 7 फीसदी स्टांप शुल्क देना होगा। बता दें की 100 रुपये के स्टांप पेपर पर करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी की पावर ऑफ अटॉर्नी कर उसे बेचने के खेल पर अब सरकार ने शिकंजा कस दिया है। केवल रक्त संबंधों को ही पावर ऑफ अटॉर्नी पर प्रॉपर्टी बेचने का अधिकार दिया है। उसके अलावा अन्य लोगों के रजिस्ट्री के बराबर ही 7 फीसदी स्टांप शुल्क लगेगा।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मोहर लग गई। स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया कि गांव से शहर तक जमीन सीधे खरीदने के बजाय डेवलपर उसकी पावर ऑफ अटॉर्नी कराकर बेचने का खेल कर रहे हैं। जिससे कि स्टांप एवं रजिस्ट्री विभाग को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है। भोले भाले किसान और शहर के गरीबों के पास इस खेल के चलते इनकम टैक्स के नोटिस पहुंचते हैं। इस खेल को रोकने के लिए सरकार ने अहम कदम उठाया है। केवल रक्त संबंधों में ही जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी को रजिस्ट्री के बराबर माना जाएगा। श्री जायसवाल ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 2 लाख से ज्यादा पावर ऑफ अटॉर्नी की जांच में निकाल कर आया है कि यह सभी डेवलपर हैं। जिन्होंने किसानों को भुगतान किया लेकिन रजिस्ट्री अपने नाम करने के बजाय पावर ऑफ अटॉर्नी कराई फिर जमीन को टुकड़े-टुकड़े में तीन गुना दामों में बेच दिया और मुनाफा कमा लिया। अब इस खेल पर रोक लगा दी गई है।