कैबिनेट मंत्री ने यूपी एनर्जी एक्सपो 2025 का किया भव्य उद्घाटन
lucknow news राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में यूपी एनर्जी एक्सपो 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। तीन दिवसीय इस ऊर्जा महाकुंभ की शुरूआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें सरकार, उद्योग और अनुसंधान जगत के प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया।
इस एक्सपो का आयोजन पीएचडी चैंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, उत्तर प्रदेश स्टेट चैप्टर और फर्स्ट व्यू द्वारा यूपीनेडा के सहयोग से किया गया है। इस आयोजन में 150 से अधिक प्रदर्शकों ने अपने स्टॉल लगाए हैं, जो सौर ऊर्जा, स्मार्ट ग्रिड तकनीक, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और ऊर्जा भंडारण से संबंधित अत्याधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन कर रहे हैं।
मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री ए.के. शर्मा ने एक्सपो का औपचारिक उद्घाटन किया। उन्होंने अपने संबोधन में इस आयोजन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया और ग्रीन एनर्जी विजन से जुड़ा बताया। श्री शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब सौर ऊर्जा क्रांति की ओर तेजी से बढ़ रहा है। अयोध्या को राज्य का पहला मॉडल सोलर सिटी घोषित किया गया है, जहां 10% बिजली लोड पहले से ही नवीकरणीय ऊर्जा से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 16 अन्य नगर निगमों में भी सौर परियोजनाएं प्रगति पर हैं और सरकार की ओर से उद्यमियों को हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।
ऊर्जा क्षेत्र में निवेश और नवाचार को प्रोत्साहन
फर्स्ट व्यू के सीईओ वरुण गुलाटी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएचडीसीसीआई के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल डॉ. जतिंदर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश को $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाना न केवल आर्थिक बल्कि समावेशी विकास का लक्ष्य है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा की अहम भूमिका है। पीएचडीसीसीआई के उपाध्यक्ष और केईआई इंडस्ट्रीज के सीएमडी अनिल गुप्ता ने ऊर्जा क्षेत्र में यूपी के उज्ज्वल भविष्य की संभावना पर भरोसा जताते हुए पीएम सूर्यघर: मुफ्त बिजली योजना को 22 जीडब्ल्यू उत्पादन लक्ष्य की कुंजी बताया।
हरित ऊर्जा की ओर सार्थक कदम
को-चेयर, यूपी स्टेट पीएचडीसीसीआई एवं करम के प्रेसिडेंट (टेक्निकल) राजेश निगम ने बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने में हरित ऊर्जा की आवश्यकता पर बल दिया और सभी हितधारकों से इस एक्सपो का भरपूर लाभ उठाने का आग्रह किया।
यूपीपीसीएल के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल (आईएएस) ने कहा कि सौर पंप और बैटरी स्टोरेज जैसे क्षेत्रों में निवेश के चलते उत्तर प्रदेश अब निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार सौर परियोजनाओं के लिए अनुदान भी प्रदान कर रही है।
ऊर्जा के भविष्य पर गंभीर विमर्श
अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) एवं यूपीनेडा चेयरमैन नरेंद्र भूषण (आईएएस) ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में ऊर्जा खपत में प्रथम स्थान पर है, इसलिए नवीकरणीय ऊर्जा की मांग यहां निरंतर बढ़ेगी।
पूर्व आईएएस अधिकारी आर.पी. गुप्ता ने जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को रेखांकित करते हुए बैटरी स्टोरेज तकनीक के विकास की अनिवार्यता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि भारत की कुल ऊर्जा क्षमता 2047 तक 2,000 जीडब्ल्यू तक पहुंचने का अनुमान है।
पूर्व आईएएस मुकुल सिंह ने इस आयोजन को अभूतपूर्व बताते हुए घरेलू सौर पैनल उत्पादन को बढ़ाने और भूमि-आधारित अनुसंधान को प्राथमिकता देने की सिफारिश की।
सम्मेलन संयोजक पराग मिश्रा ने पीएम सूर्यघर योजना को वर्तमान की सबसे लोकप्रिय योजना बताते हुए कहा कि अब वक्त है जब स्थानीय सौर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए लाभकारी उत्पादन नीतियों को अपनाया जाए।
निष्कर्ष
यूपी एनर्जी एक्सपो 2025 न केवल नवीनतम तकनीकों का मंच है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और हरित भविष्य की ओर बढ़ते कदमों का भी प्रतीक है। तीन दिनों तक चलने वाला यह आयोजन ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े सभी हितधारकों के लिए एक सुनहरा अवसर है।
lucknow news