USA News: अमेरिकी संसद ने चीनी ऐप को लेकर जताई चिंता, बैन होगा TikTok?
USA News: अमेरिकी सांसदों ने बुधवार को अमेरिका में चाइनीज एप टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में वोट किया। अधिकतर सांसदों ने टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारत का उदाहरण दिया और कहा कि भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में ‘प्रोटेक्टिंग अमेरिकन्स फ्रॉम फॉरेन एडवाइजरी कंट्रोल्ड एप्लीकेशन एक्ट’ नामक विधेयक पर मतदान हुआ। यह विधेयक अमेरिका में विदेशी एप जैसे टिकटॉक आदि पर प्रतिबंध लगाता है।
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बाइटडांस पर चीनी सरकार का नियंत्रण: अमेरिकी संसद
352-65 के वोट से पारित बिल अब सीनेट भेजा जाएगा। 15 करोड़ अमेरिकियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाला एप टिकटॉक चीनी प्रौद्योगिकी फर्म बाइटडांस लिमिटेड की सहायक कंपनी है। सांसदों ने तर्क दिया कि बाइटडांस पर चीनी सरकार का नियंत्रण है। ऐस में चीनी सरकार चाहे अमेरिका के टिकटॉक यूजर्स के डाटा तक पहुंच की मांग कर सकती है।
भारत सरकार ने भी साल 2020 में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब अमेरिकी सांसदों ने भी भारत का उदाहरण देते हुए विधेयक के पक्ष में मतदान दिया। अमेरिकी सांसदों ने कहा कि टिकटॉक में पारदर्शिता की कमी है इसके कार्यकारी अधिकारी यूजर्स की प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के इच्छुक भी नहीं हैं। यही वजह है कि यूरोपीय यूनियन और कनाडा में भी इस एप के इस्तेमाल को प्रतिबंध कर दिया गया है। अमेरिकी सांसद ग्रेग मर्फी ने कहा कि टिकटॉक, चीन द्वारा सर्विलांस और अमेरिकी नागरिकों की सोच को प्रभावित करने के उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। मर्फी ने कहा कि यह एप यूजर का संवेदनशील डाटा इकट्ठा करता है और फिर उस डाटा को चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी और उसकी खुफिया शाखा के साथ साझा करता है। इससे देश की सुरक्षा को खतरा है।
बिल को कानून बनाने के लिए सीनेट से पास कराना होगा। सांसद कैथी मैकमोरिस रोजर्स ने कहा कि हमने टिकटॉक को विकल्प दिया है कि वह कम्युनिस्ट पार्टी आफ चीन (सीसीपी) द्वारा नियंत्रित मूल कंपनी बाइटडांस से अलग हो जाए और अमेरिका में अपने ऑपरेशन संचालित करे। हालांकि बिल को कानून बनाने के लिए सीनेट से पास कराना होगा।
सीनेट में बहुमत नेता चक शूमर डीएनवाई ने कहा कि वह बिल के संबंध में संबंधित समिति के साथ विचार-विमर्श करेंगे। राष्ट्रपति जो बाइडन पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस द्वारा बिल पास किए जाने पर वह इस पर हस्ताक्षर कर देंगे।
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