व्हाइट हाउस हमले के बाद अमेरिका ने अफगान आप्रवासन के अनुरोधों को रोका

US Citizenship and Immigration Services News: अमेरिकी नागरिकता एवं आप्रवासन सेवा (यूएससीआईएस) ने बुधवार (26 नवंबर) रात को घोषणा की कि अफगान नागरिकों से संबंधित सभी आप्रवासन अनुरोधों का प्रसंस्करण तत्काल प्रभाव से अनिश्चित काल के लिए रोक दिया गया है। यह फैसला व्हाइट हाउस के निकट दो नेशनल गार्ड सैनिकों पर हुए हमले के तुरंत बाद लिया गया, जिसमें संदिग्ध एक अफगान नागरिक है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना को “आतंकवादी कृत्य” करार देते हुए कहा कि संदिग्ध रेहमानुल्लाह लकानवाल (29 वर्षीय) 2021 में जो बाइडेन प्रशासन के तहत ऑपरेशन एलाइज वेलकम कार्यक्रम के माध्यम से अमेरिका आया था।

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर जारी वीडियो संदेश में कहा, “हमें बाइडेन के दौरान अफगानिस्तान से आए हर एक व्यक्ति की दोबारा जांच करनी होगी।” उन्होंने वाशिंगटन में अतिरिक्त 500 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती का भी आदेश दिया।

घटना का विवरण
• समय और स्थान: हमला दोपहर करीब 2:15 बजे (स्थानीय समय) फरागुट स्क्वायर के पास हुआ, जो व्हाइट हाउस से महज 500 मीटर दूर है। दो वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के सदस्य उच्च दृश्यता वाली गश्त पर थे।
• घायल सैनिक: दोनों सैनिकों की हालत गंभीर बताई जा रही है। वे मां-बाप, बहनें और भाई हैं, जो सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ड्यूटी पर थे।
• संदिग्ध: लकानवाल को घटनास्थल पर ही अन्य गार्ड सदस्यों ने गोलीबारी के बाद पकड़ लिया। उसकी चोटें गंभीर नहीं हैं। वह वाशिंगटन राज्य में रहता था और हाल ही में अमेज़न तथा अमेज़न फ्लेक्स के लिए काम कर रहा था। एफबीआई इसे एकल हमला मान रही है और आतंकवाद के रूप में जांच कर रही है। संदिग्ध का मकसद स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन वह अफगान सेना में अमेरिकी बलों के साथ काम कर चुका था।

यूएससीआईएस ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया: “तत्काल प्रभाव से अफगान नागरिकों से संबंधित सभी आप्रवासन अनुरोधों का प्रसंस्करण अनिश्चित काल के लिए रोका जा रहा है। सुरक्षा और जांच प्रक्रियाओं की समीक्षा के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। हमारा एकमात्र फोकस हमारी मातृभूमि और अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा है।” यह रोक कार्य परमिट, शरणार्थी अनुरोध, नागरिकता, पारिवारिक लाभ आदि सब पर लागू है।

पृष्ठभूमि
यह कार्यक्रम 2021 में अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से हटने के बाद शुरू हुआ था, जिसके तहत अमेरिकी सैनिकों और राजदूतों के साथ काम करने वाले लगभग 76,000 अफगान नागरिकों को निकाला गया। ट्रंप और उनके सहयोगी लंबे समय से इसकी आलोचना करते रहे हैं, जिसमें जांच प्रक्रिया में कमियां और प्रवेश की तेजी को जिम्मेदार ठहराया जाता है। हालांकि, समर्थक इसे तालिबान के खतरे से बचाव के रूप में देखते हैं। लकानवाल ने दिसंबर 2024 में शरण की अर्जी दी थी, जो अप्रैल 2025 में मंजूर हो गई थी।

प्रतिक्रियाएं
• ट्रंप प्रशासन: गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा, “यह संदिग्ध बाइडन प्रशासन के तहत बिना ठीक से जांचे प्रवेश करने वालों में से एक है। हमारी प्रार्थनाएं घायल सैनिकों और उनके परिवारों के साथ हैं।”
• सोशल मीडिया पर बहस: एक्स पर यूजर्स ने इसे “अमेरिकी प्राथमिकता” का प्रतीक बताया, जबकि कुछ ने व्यापक आप्रवासन रोक की मांग की। सीनेटर माइक ली ने कहा, “मैंने वर्षों से अफगान आप्रवासन के खतरों की चेतावनी दी थी।”
• समर्थक समूह: #अफगानएवेक के अध्यक्ष शॉन वैनडाइवर ने हमले पर शोक जताया, लेकिन वेटिंग प्रक्रिया की सराहना की।

यह घटना अमेरिकी आप्रवासन नीति पर नई बहस छेड़ सकती है, खासकर ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में। जांच जारी है, और घायलों की हालत पर नजर रखी जा रही है।

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