meerut news चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में रही। छात्र नेता शान मोहम्मद की अचानक हुई गिरफ्तारी ने पूरे छात्र समुदाय में आक्रोश की लहर दौड़ा दी। छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना किसी ठोस कारण के उन्हें हिरासत में लिया, जो प्रशासन की मनमानी को उजागर करता है।
सूत्रों के अनुसार, चौकी इंचार्ज सतीश कुमार ने शान मोहम्मद को गिरफ्तार किया। छात्रों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब पुलिस ने इस तरह का कदम उठाया हो। इससे पहले भी कई बार छात्र नेताओं को बिना आधार के गिरफ्तार कर दबाव बनाने की कोशिश की गई, जिन्हें बाद में रिहा करना पड़ा। इस गिरफ्तारी के विरोध में छात्र और समाजसेवी तुरंत सक्रिय हो गए। एडवोकेट आदेश प्रधान, जो आरटीआई एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं, धरने की अगुवाई करते हुए कुलपति आवास पहुंचे। उनके साथ राहुल वर्मा (पूर्व महामंत्री, एनएस कॉलेज), अनुज भड़ाना (छात्र संघ अध्यक्ष), ललित राणा, अभिषेक भाटी सहित बड़ी संख्या में छात्र एकजुट होकर बैठ गए। धरने के दौरान एडवोकेट आदेश प्रधान ने डॉ. वीरपाल से फोन पर वार्ता कर शान मोहम्मद की तत्काल रिहाई की मांग की। इसी बीच, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष राजदीप विकल, पी. आदित्य पवार, रोहित राणा और विजय राणा ने भी पुलिस एवं प्रशासन से बातचीत कर दबाव बनाया।
छात्रों की एकजुटता के आगे झुका प्रशासन
लगातार विरोध और वार्ता के चलते पुलिस प्रशासन को पीछे हटना पड़ा और देर शाम शान मोहम्मद को थाने से रिहा कर दिया गया। छात्रों ने इस रिहाई को अपनी एकता और संघर्ष की जीत बताया।
“छात्र राजनीति दमन नहीं सहती”
छात्र नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए दमनकारी नीति अपनाता है, मगर जब-जब छात्र एकजुट हुए हैं, प्रशासन को पीछे हटना पड़ा है। शान मोहम्मद की रिहाई इसी का प्रमाण है।
बड़ी संख्या में छात्र हुए शामिल
इस विरोध-आंदोलन में राहुल वर्मा, अनुज भड़ाना, ललित राणा, अभिषेक भाटी, राजदीप विकल, अंकुश नगर, श्याम खान, खालिद, ललित यादव, निशु प्रधान, इमरान अली, आफरीन खान, मोहम्मद खालिद, महबूब सोलाना सहित कई छात्र नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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