UP Investor Summit: नोएडा में नहीं बची जमीन, न्यू नोएडा का करें रूख
UP Investor Summit: उत्तर प्रदेश इंनवेस्टर समिट 2023 होने जा रही है। इससे पहले नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण ने देश विदेश में रोड़ शो किया है। ताकि अरबों का निवेश लाया जा सके। ज्यादातर निवेशकों की डिमांड है कि उन्हें नोएडा में जमीन दी जाए लेकिन नोएडा के पास अब जमीन बची नही हे। यही कारण है कि नोएडा में अडाणी समूह बड़े पैमाने पर निवेश करने जा रहा है। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण( Noida Authority) से ग्रुप ने एक लाख एकड़ जमीन वेयरहाउस के लिए मांगी है। ये जमीन नोएडा में उपलब्ध नहीं होने पर नया नोएडा (New Noida) (डीएनजीआईआर) में इस जमीन को उपलब्ध कराया जा सकता है। इसके लिए न्यू नोएडा को निवेशकों के लिए तैयार किया जा रहा है।
अफसरों के मुताबिक नोएडा में करीब 5 लाख करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव हैं। 3 लाख करोड़ से ज्यादा के साइन किए जा चुके हैं। इसमें करीब 50 हजार करोड़ निवेश न्यू नोएडा में पहले फेज में किया जाना है।
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फिलहाल इसका मास्टर प्लान अब तक तैयार नहीं हो पाया है। नोएडा प्राधिकरण ने एक एंजेसी को मास्टर प्लान तैयार करने के लिए 10 महीने का समय दिया था। जुलाई 2021 में प्राधिकरण के साथ साइन किए गए। करीब 18 महीने बीत चुके है। अब भी New Noida का मास्टर प्लान-2041 बनकर तैयार नहीं हो सका है।
UP Investor Summit: दो से तीन बार बोर्ड में जाने के बाद हर बार इसमें संशोधन कराया जा रहा है। वर्तमान में भी नोएडा प्राधिकरण के नियोजन विभाग की चीफ टाउन प्लानर लीलू सहगल ने बताया कि कंपनी की ओर से रिपोर्ट सब्मिट की गई है। संशोधन किए जाने के बाद जमीन अधिग्रहण होगी।इसके लिए नोएडा प्राधिकरण की ओर से एक पत्र शासन को भेजा जा रहा है। बता दे क्छळप्त् 20 हजार हेक्टेयर में बसाया जाने वाला एक नया शहर है। जिसके 8811 हेक्टेयर जमीन पर औद्योगिक इकाइयों को बसाया जाएगा। इसका रोड मैप तैयार किया जा रहा है। प्लानिंग ये है कि नोएडा में जमीन मांगने वाले इनवेस्टर्स को न्यू नोएडा में जगह दी जा सकती हैं।
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इसके लिए पहले फेज में 3 हजार हेक्टेयर को विकसित किया जाएगा। इसके लिए 8500 करोड़ रुपए नोएडा प्राधिकरण खर्च करेगा। यहां 5 साल में 1300 से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों का संचालित की जानी है। सवाल ये है कि अब तक इसका मास्टर प्लान तैयार नहीं हुआ। ऐसे में कब अधिग्रहण कर इसे विकसित किया जाएगा।
शहर का मास्टर प्लान
नियोजन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसी भी शहर का मास्टर प्लान बनाने में तकरीबन दो से ढाई साल का समय लग सकता है। हम नया शहर बसाने जा रहे है। वहां यूटिलिटी से संबधित सभी कार्य होने जरुरी है। इसमें समय लगता है।