Noida: बड़े उद्यमियों को लाने की तैयारी, छोटों को भगाने का इरादा

प्राधिकरण के खिलाफ उद्यमियों ने निकाला पैदल मार्च

Noida: उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहे जाने वाले नोएडा में ई-ऑक्शन (E-Auction) के जरिए औद्योगिक भूखंडों के आवंटन को लेकर अब स्थानीय उद्यमियों ने विरोध शुरू कर दिया है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण की ई-ऑक्शन नीति के खिलाफ उद्यमी सड़कों पर उतर रहे हैं हालांकि पहले भी विरोध किया गया था लेकिन औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने उद्यमियों का ही विरोध नजरअंदाज कर दिया। उद्यमियों का कहना है कि यूपी सरकार एक और निवेश के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही हैं तो दूसरी तरफ प्राधिकरण में ही ई-ऑक्शन के माध्यम से उद्यमियों को हतोत्साहित किया जा रहा है। इसका कारण है कि यहां फैक्ट्री लगाने में आने वाली काॅस्ट बढ़ जाना, यदि उद्यमी अधिक दरों पर जमीन खरीदेंगे तो वह अपनी औद्योगिक इकाइयां स्थापित कैसे कर पाएंगे? कुछ उद्योगपतियों का कहना है कि औद्योगिक नगरी से छोटे उद्यमियों को हटाकर बड़े लाने पर जोर दिया जा रहा है प्राधिकरण की दोगली नीति यानी एक तरफ निवेश के लिए विदेशों के साथ-साथ देश के प्रमुख शहरों में रोड शो कर औद्योगिक इकाइयां लाने पर जोर दिया जा रहा है, तो दूसरी तरफ जो छोटे उद्यमी है उनके भूखंड खरीदने के लिए ई-ऑक्शन करके उनकी कमर तोड़ दी है। पहले आसान किस्तो पर उधमियों को भूखण्ड दिये जाते थे और डा कराया जाता था। जमीन के रेट भी कम होते थे। अब वही लोग जमीन खरीद पाएंगे जिनके पास अधिक पैसा है।

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Noida प्राधिकरण के खिलाफ उद्यमियों ने निकाला पैदल मार्च, जिलाधिकारी कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
इंडस्ट्रियल एंट्रेपयोन्योर्स एसोसिएशन के बैनर तले उद्यमियों ने प्राधिकरण की मनमानी के खिलाफ पैदल मार्च निकाला। उद्यमियों ने जिलाधिकारी कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। गुरुवार को सभी उद्यमी इकोटेक थर्ड में एकत्रित होकर मार्च शुरू किया। लगभग पांच किलोमीटर पैदल चलकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे।
संस्था के उपाध्यक्ष मनोज सिंघल ने बताया कि प्राधिकरण छोटे औधोगिक भूखंड को भी नीलामी के जरिये आवंटित करता है। संस्था ने पांच साल से ज्यादा किराए पर चल रहे उधमियों के लिए भूखंड आवंटन में वरीयता देने की मांग भी रखी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा भी बिना पानी के कनेक्शन के उद्यमियों को लाखों के बिल भेजे जा रहे हैं। जबकि वहां पानी की लाइन भी नहीं है। संस्था के कोषाध्यक्ष विशाल गोयल ने बताया कि इकोटेक 11 में प्राधिकरण द्वारा मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी, बिजली, सड़क यातायात, सीवर एव इंटरनेट जैसी सुविधाएं भी नही हैं। ऐसी स्थिति में उद्यमी वहां पर निर्माण करके कैसे फैक्टरी चला सकता है। ऐसा न होने पर उद्यमियों पर जुमार्ना लगाकर लाखों की देनदारी बना दी गई है। उद्यमी मनोज अग्रवाल ने बताया कि जल्द ही हमारी मेहनत रंग लाएगी एव उद्यमियों की समस्याओं का समाधान होगा। इस मार्च में अध्यक्ष पीके तिवारी, महासचिव संजीव शर्मा, पी एस मुखर्जी, ए डी पांडेय, महेंद्र शुक्ला, अमित उपाध्याय, अभिषेक जैन, कमल सिंह, विवेक अरोरा, राजीव जैन, एच् एन शुक्ला, महिपाल सिंह, दिनेश चैहान, शिशुपम त्यागी, एन डी जोशी, विनीत त्यागी, मनोज अग्रवाल, अनिल, गौरव,हरवीर, गुरदीप तुली, अतुल, अल एन स्वामी, निखिल, वीरेंदर,दुर्गेश, प्रदीप, नरेंद्र सोम, एस पी सिंह,राजेन्द्र शर्मा, अरविंद, पराग, नरवीर सिरोही आदि शामिल रहे।

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