याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस फैसले पर विचार नहीं किया, जिसमें सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और कहा गया था कि उन्हें जीवन भर जेल में रहना होगा। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि सेंगर के गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड और बलात्कार जैसे जघन्य अपराध में संलिप्तता को देखते हुए हाई कोर्ट ने गंभीर कानूनी और तथ्यात्मक गलती की है।
याचिका में आगे कहा गया है कि सेंगर ने अपनी मांसपेशी शक्ति, आर्थिक प्रभाव और आपराधिक प्रवृत्ति का इस्तेमाल किया, यहां तक कि पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत करवा दी ताकि परिवार को चुप कराया जा सके। अभियोजन पक्ष के सबूतों में सेंगर की बर्बरता और क्रूरता स्पष्ट रूप से उजागर हुई थी, जिसे हाई कोर्ट ने नजरअंदाज कर दिया।
हाई कोर्ट का फैसला और शर्तें
23 दिसंबर 2025 को दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंगर की सजा निलंबित कर दी थी, क्योंकि उन्होंने सात वर्ष और पांच महीने जेल में काट लिए थे। कोर्ट ने उनकी अपील लंबित रहने तक सजा स्थगित कर दी और कई शर्तों के साथ जमानत दी, जिसमें 15 लाख रुपये का निजी मुचलका और तीन जमानतदार शामिल हैं। साथ ही, सेंगर को पीड़िता के दिल्ली स्थित निवास से 5 किलोमीटर के दायरे में आने और पीड़िता या उनकी मां को धमकी देने से रोका गया है। शर्तों का उल्लंघन होने पर जमानत रद्द हो सकती है।
हालांकि, सेंगर अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में उन्हें 10 साल की सजा अलग से हो रही है और उसमें जमानत नहीं मिली है।
CBI भी सुप्रीम कोर्ट जाएगी
इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है। CBI अधिकारियों के अनुसार, विशेष अनुमति याचिका (SLP) जल्द दाखिल की जाएगी। CBI का मानना है कि पीड़िता की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला उचित नहीं है।
पीड़िता का प्रतिक्रिया
पीड़िता ने हाई कोर्ट के फैसले पर गहरी निराशा जताई है और इसे अपने परिवार के लिए ‘काल’ बताया है। उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा पहले ही हटा ली गई है और यह फैसला उनके डर को बढ़ा रहा है। पीड़िता ने भी सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बनाई है।
यह मामला 2017 में उस समय सुर्खियों में आया था जब नाबालिग पीड़िता का अपहरण कर बलात्कार किया गया। बाद में पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत हो गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामला उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था। 2019 में ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है और आगे की सुनवाई का इंतजार है।

