यूजीसी ने अमिटी, डॉ. डी.वाई. पाटील द्यनान प्रसाद विश्वविद्यालय सहित 54 राज्य निजी विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया

UGC declares private universities as defaulters: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 54 राज्य निजी विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। इन संस्थानों पर यूजीसी अधिनियम 1956 की धारा 13 के तहत अनिवार्य सार्वजनिक आत्म-प्रकटीकरण नियमों का पालन न करने का आरोप है। आयोग ने इन विश्वविद्यालयों को कई ईमेल और ऑनलाइन बैठकों के माध्यम से चेतावनी दी थी, लेकिन कोई सुधार न होने पर यह कदम उठाया गया।

यूजीसी के अनुसार, इन विश्वविद्यालयों ने निरीक्षण के लिए आवश्यक जानकारी जमा नहीं की या अपने आधिकारिक वेबसाइटों पर सार्वजनिक आत्म-प्रकटीकरण विवरण अपलोड नहीं किया। आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि विश्वविद्यालयों को अपनी वेबसाइटों पर होम पेज से ही सुलभ जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए, जिसमें पंजीकरण या लॉगिन की आवश्यकता न हो और खोज सुविधा भी हो। यह कदम छात्रों और अभिभावकों के हित में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है, ताकि वे संस्थानों की प्रामाणिकता और संचालन की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकें।

डिफॉल्टर घोषित विश्वविद्यालयों में गुजरात और मध्य प्रदेश के सबसे अधिक संस्थान शामिल हैं। गुजरात से 10 और मध्य प्रदेश से करीब 11 विश्वविद्यालय इस सूची में हैं। प्रमुख नामों में अमिटी विश्वविद्यालय (बिहार, झारखंड, पंजाब), डॉ. डी.वाई. पाटील द्यनान प्रसाद विश्वविद्यालय (महाराष्ट्र), अलीर्ड विश्वविद्यालय (महाराष्ट्र), आइजेक्ट विश्वविद्यालय (झारखंड), कैपिटल विश्वविद्यालय (झारखंड) और ओपीजेएस विश्वविद्यालय (राजस्थान) शामिल हैं।

राज्यवार प्रमुख डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों की सूची:
• असम: कृष्णागुरु अध्यात्मिक विश्वविद्यालय
• बिहार: अमिटी विश्वविद्यालय, डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय, संदीप विश्वविद्यालय
• छत्तीसगढ़: आंजनेय विश्वविद्यालय, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, महर्षि प्रबंधन एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
• गोवा: इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल एजुकेशन एंड रिसर्च
• गुजरात: गांधीनगर विश्वविद्यालय, जेजी विश्वविद्यालय, केएन विश्वविद्यालय, एमके विश्वविद्यालय, प्लास्टइंडिया इंटरनेशनल विश्वविद्यालय, सुरेंद्रनगर विश्वविद्यालय, श्री पंडित नाथुलालजी व्यास तकनीकी परिसर, टीम लीज़ स्किल्स विश्वविद्यालय, ट्रांसस्टेडिया विश्वविद्यालय
• हरियाणा: एनआईआईएलएम विश्वविद्यालय
• झारखंड: अमिटी विश्वविद्यालय, एआईएसईसीटी विश्वविद्यालय, कैपिटल विश्वविद्यालय, साई नाथ विश्वविद्यालय
• कर्नाटक: श्री जगधगुरु मुरुगाराजेंद्र विश्वविद्यालय
• मध्य प्रदेश: अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, आर्यावर्त विश्वविद्यालय, डॉ. प्रीति ग्लोबल विश्वविद्यालय, ज्ञानवीर विश्वविद्यालय, जेएनसीटी प्रोफेशनल विश्वविद्यालय, एलएनसीटी विद्यापीठ विश्वविद्यालय, महाकौशल विश्वविद्यालय, महर्षि माहेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय, मानसरोवर ग्लोबल विश्वविद्यालय, शुभम विश्वविद्यालय
• महाराष्ट्र: अलीर्ड विश्वविद्यालय, डॉ. डी.वाई. पाटील द्यनान प्रसाद विश्वविद्यालय
• मणिपुर: एशियन इंटरनेशनल विश्वविद्यालय, बिर टिकेंद्रजीत विश्वविद्यालय, मणिपुर इंटरनेशनल विश्वविद्यालय
• पंजाब: अमिटी विश्वविद्यालय
• राजस्थान: ओपीजेएस विश्वविद्यालय
• सिक्किम: मेधावी स्किल्स विश्वविद्यालय, सिक्किम अल्पाइन विश्वविद्यालय, सिक्किम ग्लोबल टेक्निकल विश्वविद्यालय, सिक्किम इंटरनेशनल विश्वविद्यालय, सिक्किम स्किल विश्वविद्यालय
• त्रिपुरा: टेक्नो इंडिया विश्वविद्यालय
• उत्तर प्रदेश: अग्रवान हेरिटेज विश्वविद्यालय, मेजर एसडी सिंह विश्वविद्यालय, मोनाड विश्वविद्यालय
• उत्तराखंड: माया देवी विश्वविद्यालय, माइंड पावर विश्वविद्यालय, श्रीमती मंजीरा देवी विश्वविद्यालय, सूरजमल विश्वविद्यालय
• पश्चिम बंगाल: स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय
यह पूरी सूची यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट (ugc.gov.in) पर उपलब्ध है, जहां निर्धारित प्रारूप में जानकारी जमा करने के दिशानिर्देश भी दिए गए हैं।

डिफॉल्टर घोषणा के परिणामस्वरूप इन विश्वविद्यालयों पर नियामक कार्रवाई हो सकती है, जिसमें मान्यता रद्द करना या वित्तीय प्रतिबंध शामिल हो सकते हैं। यूजीसी ने सभी संस्थानों से तत्काल अनुपालन करने का आग्रह किया है। शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह कदम उच्च शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता और पारदर्शिता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे छात्रों को बेहतर विकल्प चुनने में मदद मिलेगी।

यह घटना उच्च शिक्षा क्षेत्र में अनुपालन की बढ़ती सख्ती को दर्शाती है, खासकर निजी क्षेत्र में। यूजीसी ने हाल ही में एडटेक कंपनियों और उच्च शिक्षा संस्थानों को फर्जी विज्ञापनों के खिलाफ भी चेतावनी जारी की है। छात्रों से अपील की जाती है कि वे प्रवेश लेने से पहले संस्थान की यूजीसी मान्यता और वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी की जांच अवश्य करें।

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