उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे: महाराष्ट्र की राजनीति में आज एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला, जब चचेरे भाइयों उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने 20 वर्षों की पुरानी दुश्मनी को भुलाकर एक मंच पर आकर गठबंधन की औपचारिक घोषणा की। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अब आगामी मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) सहित अन्य नगर निगम चुनावों में साथ मिलकर उतरेंगे।
यह घोषणा मुंबई के एक होटल में दोपहर 12 बजे आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई। दोनों नेताओं ने बालासाहेब ठाकरे के स्मृतिस्थल पर अभिवादन करने के बाद एक साथ मीडिया को संबोधित किया। सूत्रों के अनुसार, दोनों ने इस गठबंधन को “स्थायी” बताया और कहा कि अब वे हमेशा एक साथ रहेंगे।
सीट बंटवारे का फॉर्मूला
बीएमसी की कुल 227 सीटों पर गठबंधन का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है:
• शिवसेना (UBT) को लगभग 150 सीटें
• मनसे को शेष 77 सीटें
हालांकि दादर, माहिम और परेल जैसे कुछ मराठी-बहुल इलाकों की सीटों पर अभी मामूली मतभेद बाकी हैं, जिन्हें जल्द सुलझा लिया जाएगा। दोनों दल संयुक्त घोषणापत्र भी जारी करेंगे। यह गठबंधन केवल मुंबई तक सीमित नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र के अन्य 28 नगर निगमों के चुनावों में भी लागू होगा। चुनाव जनवरी 2026 में होने की संभावना है।
राजनीतिक असर
यह गठबंधन सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन (बीजेपी-शिंदे शिवसेना-अजित पवार एनसीपी) के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि मराठी और मुस्लिम वोटों का एक बड़ा हिस्सा इस गठबंधन की ओर झुक सकता है, जिससे मुंबई और एमएमआर क्षेत्र के सियासी समीकरण बदल सकते हैं।
पृष्ठभूमि में देखें तो उद्धव और राज ठाकरे का अलगाव 2005-06 में हुआ था, जब राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़कर मनसे की स्थापना की थी। जुलाई 2025 में हिंदी थोपने के मुद्दे पर दोनों पहली बार एक मंच पर आए थे, जो इस गठबंधन की नींव बना।

