Trump’s ‘Gold Card’ program: मिलियन डॉलर में अमेरिकी वीजा, नागरिकता का महंगा रास्ता

Trump’s ‘Gold Card’ program: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (10 दिसंबर) को अपनी लंबे समय से प्रतीक्षित ‘गोल्ड कार्ड’ योजना को आधिकारिक रूप से लॉन्च कर दिया। इस कार्यक्रम के तहत धनी विदेशी नागरिक 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8.4 करोड़ रुपये) देकर अमेरिका में स्थायी निवास और नागरिकता की राह पा सकते हैं, जबकि कंपनियां प्रति विदेशी कर्मचारी के लिए दोगुना, यानी 2 मिलियन डॉलर चुकानी होंगी। व्हाइट हाउस के रूजवेल्ट रूम में व्यवसायिक नेताओं के बीच घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि यह योजना अमेरिका को शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करेगी और साथ ही साथ सरकारी खजाने में अरबों डॉलर का प्रवाह लाएगी।

ट्रंप ने इसकी तुलना ग्रीन कार्ड से की, लेकिन इसे “कहीं बेहतर और मजबूत” बताया। “यह मूल रूप से एक ग्रीन कार्ड है, लेकिन इसमें ग्रीन कार्ड से कहीं अधिक शक्तियां हैं,” उन्होंने कहा। आवेदन के लिए एक वेबसाइट भी लॉन्च की गई है, जहां तत्काल आवेदन शुरू हो चुके हैं। कार्यक्रम के तहत एकत्रित सभी धनराशि सीधे अमेरिकी सरकार के खाते में जाएगी, जो ट्रेजरी डिपार्टमेंट द्वारा संचालित होगा। ट्रंप का अनुमान है कि इससे देश के सकारात्मक विकास के लिए अरबों डॉलर उपलब्ध होंगे।

योजना का उद्देश्य और विशेषताएं
यह नई योजना 1990 में कांग्रेस द्वारा शुरू की गई ईबी-5 वीजा प्रणाली की जगह लेगी, जो विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए थी। पुरानी योजना में 1 मिलियन डॉलर का निवेश करके कम से कम 10 अमेरिकियों को रोजगार देने वाली कंपनी स्थापित करनी पड़ती थी। लेकिन गोल्ड कार्ड में नौकरी सृजन या कुल सीमा जैसी शर्तें नहीं बताई गईं। राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों से स्नातक होने वाले विदेशी छात्रों को वापस लौटना पड़ता है, जो एक “अफसोसजनक स्थिति” है। उन्होंने चीन, भारत और फ्रांस जैसे देशों के प्रतिभाशाली स्नातकों का जिक्र किया और कहा, “कंपनियां बहुत खुश होंगी। एप्पल के सीईओ टिम कुक ने इस पर सबसे ज्यादा चर्चा की।”

कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक ने बताया कि प्रत्येक आवेदक के लिए 15,000 डॉलर की अतिरिक्त फीस बैकग्राउंड जांच के लिए ली जाएगी, जो “पूर्ण रूप से योग्य” लोगों को ही प्रवेश देगी। कंपनियां कई कार्ड प्राप्त कर सकती हैं, लेकिन प्रति कार्ड केवल एक व्यक्ति के लिए। लुटनिक ने वर्तमान ग्रीन कार्ड धारकों की औसत आय को अमेरिकी औसत से कम बताते हुए कहा, “अब वही वीजा, लेकिन केवल सर्वश्रेष्ठ लोगों के लिए।”

मूल रूप से ट्रंप ने प्रत्येक कार्ड की कीमत 5 मिलियन डॉलर बताई थी, लेकिन बाद में इसे संशोधित कर 1 मिलियन डॉलर (व्यक्तिगत) और 2 मिलियन डॉलर (कॉर्पोरेट) कर दिया गया। कुछ स्रोतों में ‘प्लेटिनम कार्ड’ का उल्लेख भी है, जो 5 मिलियन डॉलर में 270 दिनों का टैक्स छूट प्रदान कर सकता है।

ट्रंप की कठोर आप्रवासन नीतियों के बीच विरोधाभास
ट्रंप का राजनीतिक करियर अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर सख्ती और कठोर आप्रवासन नीतियों पर टिका है। उनके दूसरे कार्यकाल के पहले 10 महीनों में लॉस एंजिल्स और शार्लोट जैसे शहरों में बड़े पैमाने पर निर्वासन अभियान चलाए गए। लेकिन कुशल आप्रवासियों को अनुमति देने का उनका सुझाव ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ (मैगा) आंदोलन के प्रमुख समर्थकों से आलोचना का शिकार हो रहा है। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। एक यूजर ने व्यंग्य में कहा, “यह कार्ड दुनिया भर के अपराधियों को आकर्षित करेगा,” जबकि एक अन्य ने कनाडाई यात्रियों के लिए सोशल मीडिया जांच का जिक्र करते हुए इसे अमेरिका जाने का “समाधान” बताया। भारतीय संदर्भ में, कई यूजर्स ने इसे आईटी पेशेवरों और स्नातकों के लिए राहत बताया, लेकिन नैतिकता पर सवाल उठाए।

वैश्विक संदर्भ और संभावित प्रभाव
दुनिया भर में ‘गोल्डन वीजा’ योजनाएं आम हैं। ब्रिटेन, स्पेन, ग्रीस, माल्टा, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और इटली जैसे देश धनी व्यक्तियों को निवेश के बदले वीजा देते हैं। ट्रंप ने इसे “अमेरिका में जीवन खोलने” वाली योजना बताया, जो वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित कर अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी। लेकिन आलोचक इसे धनाढ्यों को प्राथमिकता देने वाली “असमान” नीति मानते हैं।

व्हाइट हाउस ने वेबसाइट trumpcard.gov पर आवेदन शुरू कर दिए हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि पहले ही महीने में सैकड़ों आवेदन आ सकते हैं, खासकर एशिया और यूरोप से। यह योजना ट्रंप की आप्रवासन रणनीति में एक नया मोड़ है, जो सीमा सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक लाभ पर जोर देती है।

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