फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फैंटिनो ने वॉशिंगटन में आयोजित विश्व कप ड्रॉ समारोह के दौरान ट्रंप को यह पुरस्कार सौंपा।
इन्फैंटिनो ने ट्रंप की प्रशंसा करते हुए कहा, “यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने शांति और विश्व एकता के लिए असाधारण कदम उठाए हैं।” पुरस्कार में एक स्वर्ण पदक, प्रमाण पत्र और एक ट्रॉफी शामिल थी, जिसमें हाथों से विश्व को थामे हुए का प्रतीक चित्रित था। ट्रंप ने तुरंत पदक गले में पहना और कहा, “यह मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा सम्मान है।” उन्होंने अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप, कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबॉम का भी धन्यवाद किया, जिनके साथ 2026 विश्व कप की मेजबानी की तैयारियां ‘उत्कृष्ट’ तरीके से चल रही हैं।
यह पुरस्कार ट्रंप के नोबेल शांति पुरस्कार की लंबी कोशिश के बाद आया है। नोबेल समिति ने इस साल वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना माचाडो को पुरस्कार दिया, जिन्होंने इसे ट्रंप को समर्पित करने की घोषणा की। फीफा का यह नया पुरस्कार गाजा में युद्धविराम की मध्यस्थता और कांगो-रवांडा संघर्ष समाधान जैसे ट्रंप के प्रयासों के लिए दिया गया। हालांकि, आलोचकों ने इसे ‘अस्पष्ट’ और फीफा की तटस्थता पर सवाल उठाने वाला बताया। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इन्फैंटिनो ने ट्रंप को ‘लोगों की परवाह करने वाला नेता’ कहा, लेकिन यूक्रेन युद्ध और आप्रवासियों पर ट्रंप की सख्ती के बीच यह पुरस्कार विवादास्पद हो गया।
समारोह के दौरान ट्रंप ने विश्व कप की लोकप्रियता का हवाला देते हुए अमेरिकी फुटबॉल के नाम पर बहस छेड़ दी। उन्होंने कहा, “हमारे पास एक और खेल है जिसे फुटबॉल कहते हैं, लेकिन सोचिए तो सही… यह (सॉकर) ही असली फुटबॉल है। एनएफएल के लिए हमें कोई नया नाम ढूंढना होगा। यह बिल्कुल समझ में नहीं आता।” अमेरिका में ‘फुटबॉल’ शब्द हाथों से खेला जाने वाले इस खेल को संदर्भित करता है, जबकि बाकी दुनिया में यह सॉकर के लिए इस्तेमाल होता है। ट्रंप ने इन्फैंटिनो से तुलना करते हुए कहा कि विश्व कप 104 सुपर बाउल के बराबर है।
यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यूजर्स ने मजाक उड़ाया, जैसे एक पोस्ट में कहा गया, “ट्रंप अमेरिकी फुटबॉल को हैंडबॉल नाम देने की बात कर रहे हैं!” जबकि कुछ ने इसे ‘अकुशल’ बताया। एक यूजर ने लिखा, “ट्रंप ने सुझाव दिया कि एनएफएल को नाम बदलना चाहिए, वरना सुपर बाउल जीतने वाली टीम को ट्रॉफी ट्रंप को देनी पड़ेगी!” दूसरी ओर, समर्थकों ने इसे वैश्विक एकीकरण का कदम बताया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप की यह टिप्पणी 2026 विश्व कप की अमेरिका में बढ़ती सॉकर लोकप्रियता को दर्शा रही है।
फीफा ने पुरस्कार को ‘विश्व एकीकरण का प्रतीक’ बताया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रंप और इन्फैंटिनो की निकटता का नतीजा है। इन्फैंटिनो ने पहले ही ट्रंप को नोबेल के हकदार बताया था। विश्व कप, जो अगले गर्मी में अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा में होगा, पहले से ही विवादों में है—ट्रंप ने डेमोक्रेट शासित राज्यों के स्टेडियमों से मैच हटाने की धमकी भी दी है।
ट्रंप के खेल प्रेम को देखते हुए, यह घटनाएं 2026 विश्व कप को और रोचक बना रही हैं। एनएफएल और फीफा की प्रतिक्रिया का इंतजार है।

