Trump claims: 70वीं बार दोहराया दावा, ‘भारत-पाकिस्तान युद्ध मैंने रोका’

Trump claims: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए तनावपूर्ण संघर्ष को समाप्त कर दिया। पेंसिल्वेनिया के माउंट पोकोनो में आयोजित एक रैली में बोलते हुए ट्रंप ने कहा, “भारत और पाकिस्तान आपस में भिड़ रहे थे, मैंने युद्ध समाप्त कर दिया।” यह दावा उन्होंने अब तक लगभग 70 बार दोहरा चुके हैं।

ट्रंप ने अपनी 10 महीने की अवधि में आठ युद्धों को समाप्त करने का श्रेय खुद को दिया, जिसमें कोसोवो-सरबिया, इजरायल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया, आर्मेनिया-अजरबैजान और अब कंबोडिया-थाईलैंड का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “कल मैं एक फोन कॉल करूंगा और थाईलैंड-कंबोडिया युद्ध रोक दूंगा। कौन ऐसा कह सकता है कि एक फोन कॉल से दो शक्तिशाली देशों का युद्ध रुक जाएगा? हम ताकत से शांति बना रहे हैं।”
भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि मई का संघर्ष द्विपक्षीय समझौते से समाप्त हुआ था और किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी। संघर्ष अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से शुरू हुआ था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए। चार दिनों की तीव्र झड़पों के बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम पर सहमति बनी।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह संघर्ष दशकों में भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे गंभीर सैन्य टकराव था, जिसमें दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों की सीमाओं पर तनाव चरम पर पहुंच गया था। स्टिमसन सेंटर की रिपोर्ट में इसे ‘मई के चार दिन’ नाम दिया गया है, जो वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरे का प्रतीक था। चीन की भूमिका पर भी बहस छिड़ी है, जहां कुछ विश्लेषकों का मानना है कि बीजिंग ने पीछे से पाकिस्तान का समर्थन किया।
ट्रंप का यह दावा अमेरिकी घरेलू राजनीति से जुड़ा माना जा रहा है। आर्थिक रैली में बोलते हुए उन्होंने प्रवासन नीति पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “50 सालों में पहली बार रिवर्स माइग्रेशन हो रहा है, जिससे अमेरिकी नागरिकों को अधिक नौकरियां, बेहतर वेतन मिल रहे हैं। हम ‘थर्ड वर्ल्ड माइग्रेशन’ को स्थायी रूप से रोक चुके हैं, जिसमें अफगानिस्तान, हैती, सोमालिया जैसे ‘नरक के गड्ढों’ से आने वालों को शामिल किया गया है।” ट्रंप ने नॉर्वे, स्वीडन जैसे देशों से ‘अच्छे लोगों’ को आमंत्रित करने की बात कही, जबकि सोमालिया जैसे देशों को “अपराध से भरे” करार दिया।

पिछले महीने ट्रंप ने 19 उच्च जोखिम वाले देशों से प्रवासन पर प्रतिबंध लगाया था, जिसमें अफगानिस्तान, क्यूबा, ईरान, लीबिया, सोमालिया, वेनेजुएला और यमन शामिल हैं। यह कदम अफगान नागरिक रहमानुल्लाह लकनवाल द्वारा एक नेशनल गार्ड सदस्य की हत्या के बाद उठाया गया। यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज ने इन देशों के लिए ‘नकारात्मक कारक’ लागू किए हैं।

सोशल मीडिया पर ट्रंप के बयान की व्यापक चर्चा हो रही है। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कई यूजर्स ने वीडियो शेयर करते हुए सवाल उठाए हैं कि ट्रंप भारत-पाकिस्तान युद्ध पर बार-बार क्यों बोल रहे हैं। पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने भी टिप्पणी की है कि अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया क्योंकि भारत ने ट्रंप के मध्यस्थता दावे का समर्थन नहीं किया।
यह दावा ट्रंप की ‘पीस थ्रू स्ट्रेंथ’ नीति का हिस्सा लगता है, लेकिन भारत ने स्पष्ट रूप से खंडन किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि वास्तविक मध्यस्थता के बजाय द्विपक्षीय वार्ता ने संघर्ष रोका। जैसे-जैसे ट्रंप का कार्यकाल आगे बढ़ रहा है, ऐसे दावे उनकी विदेश नीति की छवि को मजबूत करने का प्रयास प्रतीत हो रहे हैं।

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