Tripura student dies in Dehradun: नस्लीय हमले से त्रिपुरा के MBA छात्र अंजेल चकमा की मौत, मुख्य आरोपी नेपाल भागा; त्रिपुरा में प्रदर्शन

Tripura student dies in Dehradun: उत्तराखंड के देहरादून में नस्लीय टिप्पणियों के बाद हुए हमले में घायल हुए त्रिपुरा के 24 वर्षीय MBA छात्र अंजेल चकमा की 26 दिसंबर को मौत हो गई। इस घटना ने पूरे पूर्वोत्तर भारत में आक्रोश पैदा कर दिया है, जहां लोग नस्लीय भेदभाव के खिलाफ न्याय और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

घटना 9 दिसंबर की है, जब अंजेल चकमा अपने छोटे भाई माइकल (21) के साथ सब्जी खरीदने गए थे। कुछ स्थानीय युवकों ने उन्हें “चीनी”, “मोमो” और “चिंकी” जैसे नस्लीय टिप्पणियां कीं। अंजेल ने विरोध करते हुए कहा कि वे त्रिपुरा से हैं और भारतीय हैं, लेकिन आरोपी भड़क गए और हमला कर दिया। अंजेल को चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया, जबकि उनके भाई को भी चोटें आईं।
अंजेल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वे 17 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहे। शुरुआत में उनकी हालत में सुधार दिखा, लेकिन बाद में बिगड़ गई और 26 दिसंबर को उनकी मौत हो गई। अंजेल जिग्यासा यूनिवर्सिटी में फाइनल ईयर MBA के छात्र थे और एक फ्रेंच कंपनी में प्लेसमेंट भी पा चुके थे। वे फुटबॉल के शौकीन और क्लास में होनहार छात्र थे। उनके पिता बीएसएफ हेड कांस्टेबल हैं, जो फिलहाल मणिपुर में तैनात हैं।

पुलिस ने छह आरोपियों में से पांच को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों के नाम अविनाश नेगी, सूरज ख्वास, सूरज कुमार, शौर्य और आयुष बदोनी हैं। मुख्य आरोपी यज्ञ राज अवस्थी (नेपाल मूल का) फरार है, जिस पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया है। उत्तराखंड पुलिस की एक टीम उसे पकड़ने के लिए नेपाल भेजी गई है।

इस घटना की देहरादून से त्रिपुरा तक तीव्र निंदा हुई है। अगरतला सहित त्रिपुरा के कई इलाकों में प्रदर्शन हो रहे हैं, जहां लोग कैंडल मार्च निकालकर न्याय की मांग कर रहे हैं। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात की, जिन्होंने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने इसे “दिल दहला देने वाला और अस्वीकार्य” बताया। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भी सख्त कार्रवाई की मांग की। पूर्वोत्तर के लोग लंबे समय से मुख्यधारा के शहरों में नस्लीय भेदभाव का शिकार होते रहे हैं, और इस घटना ने इस मुद्दे को फिर से उजागर कर दिया है।

अंजेल के परिवार ने आरोपियों को कड़ी सजा की मांग की है। उनकी मां अब छोटे बेटे को देहरादून वापस भेजने से डर रही हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कैम्पस में पूर्वोत्तर छात्रों के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम शुरू करने का वादा किया है। पुलिस जांच जारी है और मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी की उम्मीद है।

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