सहारनपुर में दर्दनाक हादसा: श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ढमोला नदी में पलटी, नौ की मौत
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सहारनपुर में दर्दनाक हादसा: श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ढमोला नदी में पलटी, नौ की मौत

Saharanpur News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ढमोला नदी में पलट गई थी। हादसे में अब तक 9 लोगों की मौत हो गई। जबकि एक युवक लापता है। वहीं, 4 घायल जिला अस्पताल में भर्ती हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली में करीब 50 लोग सवार थे। सभी लोग गागा लेडी क्षेत्र के बलेली गांव के थे।

बलेली के ग्रामीण जाहरवीर गोगा जी की चाब (पूजा-पाठ का सामान) लेकर थाना देहात कोतवाली क्षेत्र के गांव रैंडोल जा रहे थे। बारिश के कारण ढमोला नदी के रास्ते पर पानी का बहाव काफी तेज था। इसी बहाव में ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई। उसमें बैठे सभी श्रद्धालु ढमोला नदी में जा गिरे। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। इस बीच मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने रेस्क्यू आॅपरेशन शुरू किया। कुछ देर बाद प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची। नदी से 2 बच्चों समेत 4 शव बरामद किए गए। जबकि बुधवार देर रात तक 6 लोगों की तलाश की गई। गुरुवार सुबह 5 और शव बरामद किए गए।

tragic accident :

हादसे में घायल सोमकली ने बताया कि उस रास्ते से जाने के लिए रोका था। लेकिन, ड्राइवर नहीं माना और वहीं से लेकर गया। इसके बाद हादसा हो गया। कई ने अपनों को खो दिया। धर्मवीर ने कहा कि “मेरी पत्नी किरण, बेटा सौरभ और बेटी एकता हादसे में लापता है। उनका कुछ भी पता नहीं चल सका है। एक 12 साल का बेटा गौरव, जो ट्रैक्टर-ट्रॉली में था, उसको ग्रामीणों ने बचाया है। वह ट्रॉली के पिछले हिस्से में बैठा हुआ था। ट्रैक्टर-ट्रॉली से गांव और परिवार के लोग रैंडोल गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। वह रात को वहीं रुकते। लेकिन, लेकिन पहुंचने से पहले ही गांव बोंदकी में यह हादसा हो गया। मुझे तो उम्मीद भी नहीं है कि मेरे परिवार के लोग मिल पाएंगे।

योगेश कुमार ने बताया कि “मेरी मां मंगलेश (50) और बेटी अदिति (3) भी ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार थे। दोनों की मौत हो गई है। बेटी का दो दिन बाद जन्मदिन था। लेकिन, उससे पहले ही उसकी हादसे में मौत हो गई है। हम सभी घर थे। मां और बेटी ही परिवार और ग्रामीणों के साथ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे।”

UP Accident :

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तेज पानी के कारण सड़क का पता नहीं चला
जिला अस्पताल में भर्ती सोमकली ने बताया कि “तेज पानी के कारण सड़क का पता नहीं चला। ट्रैक्टर-ट्रॉली में बैठे कुछ लोग कहने लगे कि पहले पानी में उतर कर सड़क और पानी के बहाव को देख लो। लेकिन, कुछ लोग बोले कि ट्रैक्टर-ट्रॉली निकल जाएगी। ड्राइवर ने किसी की नहीं सुनी। सड़क दिखाई नहीं दी। ट्रैक्टर-ट्रॉली नीचे उतर गई और नदी में पलट गई। लोगों की चींख पुकार मचने लगी। हम कुछ नहीं कर सके। मेरी आंखों के सामने कई लोगों की मौत हो गई।

ग्रामीणों ने रास्ते से जाने से मना किया था: एसएसपी
एसएसपी डॉ.विपिन ताडा ने बताया कि “ग्रामीणों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली में बैठे लोगों को बोंदकी के रास्ते से जाने को मना किया था, लेकिन ड्राइवर नहीं माना। वह उसी रास्ते से लेकर चला गया। जिस कारण यह हादसा हो गया। वहीं, ट्रैक्टर-ट्रॉली के पलटने से जब चीख-पुकार मचने लगी। तभी गांव के लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने श्रद्धालुओं को बचाया। हालांकि थोड़ी देर बाद ही प्रशासनिक और पुलिस की टीम पहुंच गई। जेसीबी मंगवाई गई। ट्रैक्टर-ट्रॉली को बाहर निकाला गया। कुछ लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली के नीचे थे। जिन्हें सकुशल बाहर निकाला गया।

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डीएम और पीड़ितों के बयानों से मेल नहीं खा रहे आंकड़े
डीएम डॉ. दिनेश चंद्र ने बताया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली में करीब 20 लोग ही थे, बुधवार को 4 के शव निकाले गए। चार लोग घायल हैं। वहीं, पीड़ित परिवारों का कहना है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली में करीब 50 लोग थे। जो हादसे का शिकार हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जिला प्रशासन ट्रैक्टर-ट्रॉली में बैठे श्रद्धालुओं की संख्या को क्यों छिपा रहा है?

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