Traffic Rule: सरकार और प्रशासन लगातार सड़क पर होने वाले हादसों को कम करने की कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही सड़क पर यातायात नियमों को तोड़ने वालों पर भी सख्ती की जा रही है। 1 जुलाई से पूरे बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे नेटवर्क को इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस कर दिया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस के एडीजीपी आलोक कुमार ने बताया कि मैसूर शहर और जिलों को आईटीएमस में शामिल किया जाएगा।
Traffic Rule:
दक्षिण भारत में बेंगलुरू से मैसूर के बीच सफर करते हुए यातायात नियमों को तोड़ना अब वाहन चलाने वालों को भारी पड़ेगा। इस Expressway पर एक जुलाई 2024 से इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को शुरू किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य के ट्रैफिक पुलिस के एडीजीपी ने जानकारी दी है कि मैसूर शहर और मैसूर जिले में इस सिस्टम को शुरू किया जाएगा।
इन रास्तों पर भी लगाए जाएंगे आईटीएमस कैमरे
ट्रैफिक के मामलों में यह रूल 1 जुलाई से लागू होगा। इसमें मैसूर जिले के हुनसूर, एचडी कोटे, नंजनगुड और टी नरसीपुरा जैसे क्षेत्रों को कवर करने वाले एएनपीआर कैमरे शामिल होंगे। आगे के प्रोजेक्ट्स में बेंगलुरु को आस-पास के तालुकों और जिलों से जोड़ने वाले हाईवे पर आईटीएमस कैमरे लगाना शामिल है। इसमें तुमकुरु रोड, कनकपुरा रोड से कोलेगल तक और होसुर रोड शामिल है। इसके अलावा इन रास्तों पर मैसेजिंग साइन और रियल टाइम ट्रैफिक अपडेट्स भी लगाए जाएंगे।
इस पहल में ज्यादा कैमरे और वीएमएस बोर्ड के जरिये बेंगलुरु-मैसूरु हाईवे पर क्षमताओं को बढ़ाना है। एडीजीपी ने कहा कि राज्य सड़क परिवहन प्राधिकरण से मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही टेंडर जारी होने के आसार हैं। बेंगलुरू को छोड़कर कर्नाटक में सड़क सुरक्षा में और सुधार के लिए साइनबोर्ड, ब्लिंकर, नशे में गाड़ी चलाने वालों की जांच के लिए 800 एल्कोमीटर और 155 लेजर स्पीड गन लगाना शामिल है।
बेंगलुरू में हुआ था लॉन्च
साल 2022 में बेंगलुरु में शुरू किए गए ITMS में शहर के 50 जंक्शनों पर 250 ऑटोमेटिक नंबर प्लेट कैमरे लगाए गए हैं। रेड लाइट के नियमों का पालन नहीं करने वालों के लिए 80 कैमरे लगाए गए हैं। मैसूरु तक एक्सटेंशन की लागत करीब 8.5 करोड़ है। इसमें से मैसूरु शहर के लिए 4 करोड़ और जिले के लिए 4.5 करोड़ रुपये शामिल हैं। अब सीधे शब्दों में बताए तो ITMS के तहत CCTV समेत हाई डेफिनिशन कैमरा के जरिए मॉनिटरिंग होती है तो रेड लाइट पर रेड/ग्रीन लाइट की टाइमिंग ऑटोमैटिक तरीके से अपने आप ही सेट हो जाती है।
इतना ही नहीं, रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरा के जरिए कमांड कंट्रोल रूम (command control room) में बैठकर ट्रैफिक पुलिस उन गाड़ी चलाने वालों पर भी नजरें रख सकती है जो रेड लाइट जंप करते हैं। ये कैमरा ऐसे लोगों की इमेज कैप्चर करने के साथ ही वाहन के नंबर के आधार पर खुद ही चालान काट देता है।
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नियम तोड़ने वालों को मिलेगा अलर्ट
जानकारी के मुताबिक मैसूर में एक ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर को स्थापित किया गया है। जिससे यातायात नियम तोड़ने वालों को रियल टाइम पर एसएमएस अलर्ट भेजना शुरू कर दिया जाएगा।
क्या है ITMS
आईटीएमएस एक इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम है, जिसमें हाई डेफिनेशन सीसीटीवी कैमरे के जरिए निगरानी की जाती है। इसकी मदद से मैनेजमेंट सेंटर में पुलिसकर्मी उन वाहनों पर भी नजर रख पाते हैं, जो ट्रैफिक नियमों को तोड़ते हैं। यह कैमरा ऐसे वाहनों की रियल टाइम इमेज लेता है और रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर चालान काट दिया जाता है। जिसके बाद वाहन मालिक को एसएमएस अलर्ट के जरिए सूचना मिल जाती है।
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