प्रॉपर्टी खरीद और बिक्री करने वालों पर पड़ेगी टैक्स की मार, रेट बढ़े तो खुश न हों, जानें बजट में सरकार ने क्या किया नया प्रावधान
बजट 2024-25 में रियल एस्टेट सेक्टर को झटा लगा है। दरअसल, प्रोपर्टी पुनर्विक्रय से लाभ पर इंडेक्सेशन लाभ को समाप्त कर दिया गया है। नोएडा ग्रेटर नोएडा, दिल्ली और आसपास के सभी शहरों में प्रोपर्टी के दाम लगातार बढ रहे है। जो लोग इन इलाकोें में प्रोपर्टी खरीद ब्रिकी करते है उन्हें अब अधिक टैक्स देना होेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत के बजट में घर, दुकान, फैक्टरी आदि संपत्ति के पुनर्विक्रय के मामले में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) की गणना के लिए इंडेक्सेशन के लाभ को वापस लेने का प्रस्ताव रखा। इसके अलावा, केंद्रीय बजट 2024-25 में एलटीसीजी को भी 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है।
आइए बताते हैं की अधिक टैक्स कैसे लगेगा दरअसल ऐसा समय दीजिए की नोएडा के सेक्टर एक में आपने कोई प्रॉपर्टी खरीदी और ये प्रॉपर्टी मान लीजिए 2016 में खरीदी उस वक्त प्रॉपर्टी की कीमत ₹100000 थी और 2023 में बेची तब ₹160000 में बेचनी कास्ट इंडेक्सेशन उस वक्त 264 था वो अब बढ़ कर 348 हो गया। इसे केल्कुलेट करने के लिए बेचने वाले नंबर को खरीदने वाले से भाग दिजिए। आएगा 1!3 यानी अब प्रोपर्टी 130000 की है। आपने बेची है 160000 में मतलब कि 30000 रुपये अधिक पर। अब आप को 30000 पर 20 फीसदी टैक्स देना है यानी 6000 रुपये। ये हुआ पुराना तरीका। अब बताते है नया तरीका। नए में कास्ट इंडेक्सेशन को हटाया है। अब आप का लाभ 60000 रुपये मामना जाएगा। 60000 रुपये पर आपको साढे 12 फीसद टैक्स देना होगा। यानी 7500 रुपये। देखिए कितनी चालाकी से टैक्स कम करके अच्छा दिखाया लेकिन आपकी जेब पर कैची चला दी।
यह भी पढ़ें: Greater Noida:वाहनों से बैटरी चोरी करने वाले गिरोह के दो चोर गिरफ्तार
जानें क्या हुए हैं बदलाव
संपत्ति की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने लॉन्ग टर्म की परिभाषा को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि जो लिस्टेड फाइनेंशियल एसेट्स हैं, उन्हें एक साल या उससे अधिक समय तक होल्ड करने पर ही लॉन्ग टर्म निवेश माना जाएगा। इसमें शेयर, म्यूचअल फंड भी आएंगे। वहीं, अनलिस्टेड फाइनेंशियल या नॉन फाइनेंशियल दोनों एसेट्स को अगर 2 साल या उससे अधिक होल्ड किया जाता है तो उसे लॉन्ग टर्म निवेश माना जाएगा।
प्रॉपर्टी बेचने वालों को लगेगा झटका
सरकार के इस फैसले से प्रॉपर्टी बेचने वालों को झटका लगेगा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पहली नजर में तो आपको लगेगा कि सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटेल गेन टैक्स को कम कर दिया है। लेकिन यहां एक पेंच है। दरअसल, प्रॉपर्टी बेचने पर अबतक जो इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलता था उसे इस बजट में हटा लिया गया है। इसलिए ही आपको उपर पूरा गणित समझाया गया है।