पुलिस को पब्लिक का मित्र बनाने के लिए रिटायर्ड अफसरों की इस संस्था ने किया ये काम, जानिए

पब्लिक पुलिस एनजीओ ने कम्यूनिटी पुलिसिंग पर एक वेबिनार सायं 4 बजे आयोजित किया गया । इस वेबिनार में कम्यूनिटी पुलिसिंग की बारीकियों और परिभाषा के साथ साथ इसकी महत्ता पर देश के वरिष्ठ रिटायर्ड आईपीएस, आईएएस अधिकारियों, उच्च न्यायाधीशों और अधिकारियों के साथ वरिष्ठ शिक्षाविद और पेशेवर बुद्धिजीवियों द्वारा विचार प्रस्तुत किए गए । इस चर्चा में IAS देवदत्त शर्मा ने बीट कॉन्स्टबल की व्यवस्था के धूमिल ही जाने पर चिंता व्यक्त की । उन्होंने समाज के चिन्तकों जैसे अध्यापक, पत्रकार और पेशेवरों का थानाध्यक्ष के साथ मानसिक विचार विमर्श की पद्यती को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर बल दिया | श्री शर्मा  ने पुलिसकर्मी के द्वारा लंबी डूटी पर भी ध्यान आकर्षण करते हुए उनकी सुविधाएँ बढ़ाने पर प्लैंक दिया । आर .के . वर्मा जो की भारत सरकार में उच्च पदों पर आसीन रहे और विभिन्न देशों का अनुभव हासिल किया ने कम्यूनिटी पुलिसिंग पर पब्लिक पुलिस के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर ज़मिनी काम करने का संकल्प लिया । इस चर्चा में नागरिक सुरक्षा परिषद के विस्तार और मजबूर बनाने पर बल दिया । डॉ संध्या सिंह जो की राष्ट्रीय स्तर की शिक्षाविद , समाजसेविका और मुखर वक्ता भी हैं ने समाज की बिभिन्न ज़रूरतों , सुरक्षा सम्बन्धी कदमों की विवेचना सहित इस कार्यक्रम की सफलता हेतु सरकार सहित समस्त वर्गों के समन्वयइत तरीक़े से कार्य करने को प्रेरित किया । भूतपूर्व पुलिस महानिदेशक  विक्रम सिंह ने इस कार्य हेतु विधि और सामाजिक ज़रूरत का बहुत ही अच्छे और संक्षिप्त रूप में विश्लेषण किया । यशोवर्धन आज़ाद केंद्रीय सूचना आयुक्त ,विशेष निदेशक इंटेलिजेन्स ब्युरो, सचिव सुरक्षा और भूतपूर्व महानिदेशक आई बी तथा  ऋषि कुमार शुक्ला भूतपूर्व महानिदेशक सीबीआई ने कम्यूनिटी पुलिसिंग विषय पर सरकारी प्रयासों के साथ सामाजिक समन्वय के रूप को सामरिक रूप से प्रस्तुत किया। इस वेबिनार में वर्तमान में राजस्थान में कम्यूनिटी पुलिसिंग के प्रारूप सफलतायों और बाधाओं के बारे में राजस्थान के कम्यूनिटी पुलिस नोडल ऑफ़िसर पंकज चौधरी आईपीएस ने प्रकाश डाला । इस वेबिनारका संचालन विमल वाखलु भूतपूर्व सीएमडीटीसीआईएल और संवाद , मधुर भाषा के धनी और विचारों से भरपूर ने किया ।

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सामयुदिक पुलिसिंग सन 1829 ईस्वी में शुरू हुई जब किसी भी क्षेत्र में पुलिस पट्रोल अधिकारी डूटी ऑवर्ज़ के बाद भी क्षेत्र/मोहल्ला/कॉलोनी के निवासियों से व्यक्तिगत रूप से अच्छे सम्बंध बनाकर उनकी समस्या का निवारण करता हैं । यह एक पूर्व और रोक कारक पुलिस व्यवस्था है । इसके द्वारा विवादों और अपराधों के रोकथाम में गति प्रधान होती है। और समाज की पुलिस से दूरी और संशय में कमी आती है और पुलिस को किसी भी बड़ी घटना के पूर्वानुमान के द्वारा घटित होने से पहले ही रोकने में सफलता मिलती है और समाज भयमुक्त वातावरण में रहने का सुख मिलता है।

वरिष्ठ एवं प्रसिद्ध शास्पत्रित लेखाकार (चार्टर्ड अकाउंटंट)  राकेश माहेश्वरी ने इस वेबिनार की शुरुआत की और विभिन्न महत्वपूर्ण और उच्च पदों पर आसीन रहे अफ़सरों से समन्वय स्थापित कर इस गोष्ठी का आयोजन किया। श्री माहेश्वरी पब्लिक पुलिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और संस्था कि फ़ाउंडर मेम्बर है। । उनके अथक प्रयत्न तथा अपने आकर्षक व्यक्तित्व , मधुर भाषा और सबको साथ के कर चलने की संस्थागत सोच पब्लिक पुलिस एनजीओ के सत्रह स्टेट चैप्टर की स्थापना हो सकी है । यह सभी चैप्टर  देवदत्त शर्माजी जो कि कई ज़िलों के जिलाअधिकारी और मंडल के आयुक्त नॉएडा अथॉरिटी के अध्यक्ष रहे है  के मार्गदर्शन और प्रेरणा से सफलता पूर्वक संस्था के उद्देश्यों को पूरा कर रहे हैं । श्री शर्मा  का संस्था के महासचिव हैं । आरके वर्मा जो की इस संस्थान के आर्किटेक्चर और रोडमैप को व्यावहारिक रूप देने के लिए अपने कौशल के लिए प्रशंसा के पात्र हैं ।
इस वेबिनार का शुभारम्भ पब्लिक पुलिस के अध्यक्ष और उच्चतम न्यायपालिका के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश  केजी बालाकृष्णन के आशीर्वाद और विवेकपूर्ण शब्दों के साथ किया गया ।
श्री बालाकृष्णन पब्लिक पुलिस एनजीओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं वह हमेशा संस्था के सदस्यों और पदाधिकारियों के प्रेरणा स्रोत रहते है और पब्लिक पुलिस की दूरी मको कम करने के लिए दिशा और सुझबूझ प्रदान करते रहते हैं ।

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