Noida News: वैसे तो अपहरण के काफी मामले सुने होंगे ओर अपहर्ताओं को पुलिस के चंगुल में आते भी देखा होगा, लेकिन इस तरह के मामले कम ही होते हैं जिसमे फिरौती 50 लाख मांगी जाए और 13 हजार रुपये पर मामला सेटल कर दिया जाए। लेकिन पुलिस फिर भी पीछा न छोड़ें। ऐसा ही मामला सामने आया है नोएडा पुलिस ने अपहरण की कहानी का पटाक्षेप किया है। जिसमे अपहर्ता ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया। दरअसल इस युवक के महंगे शौक के आगे अपनी सैलरी और घर से मिलने वाला पैसा बहुत तब लगता था। जिसने अब उसे जेल पहुंचा दिया है। एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि 10 सितंबर की रात करीब 9रू50 पर शुभम गौड पुत्र संजय गौड़ निवासी जेपी कॉसमॉस सेक्टर 134 ने अपने मित्र उधौ को साथ लेकर एक झठी कहानी गढी। अपने परिवार वालों से पैसा ऐठने के लिए अपना ही अपहरण करा दिया। दरअसल उसी दिन ही शुभम अपने घर से सब्जी लेने के लिए निकला ओर घर वापस नहीं पहुंचा। इस बात की खबर जब थाना एक्सप्रेस वे पुलिस को मिली तो एसपी शैव्या गोयल ने पुलिस टीम के साथ मिलकर तहकीकात शुरू कर दी। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में देखा गया कि शुंभम स्कूटी ले कर किस तरफ गया है। उसकी स्कूटी खड़ी हुई मिल गई, लेकिन उसके बाद से वह खुद गायब हो गया। शुरुआत में तो उसके खुद के नंबर से उसके पिता और माता को फ़ोन गया। कहा गया कि लड़के का अपहरण हो गया है। 50 लाख दे दो। हालांकि तब तक पुलिस गुमशुदगी दर्ज कर चुकी थी। लेकिन उसके पिताजी कुछ बातों से समझ गए कि इसमें कहीं न कहीं शुभम की मिलीभगत भी हो सकती है। पुलिस को सूचना दे दी। वैसे पिता ग्वालियर रहते है मगर पूरा मामला नोएडा पुलिस ने वर्क आउट किया।
ऐसे बनी पूरी योजना
शुभम गौड़ ने अपने मित्र के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई। उधौ के मित्र अंकित कुमार पुत्र सुमेर सिंह, संदीप पुत्र अशोक कुमार और दीपक ने मिलकर पूरी कहानी बना ली। कैसे अपहरण करना है और कैसे रुपए मांगने है। शुभम गौड़ व उसके दोस्तों द्वारा अपहरण की कहानी बनाकर शुभम के परिवार से पैसा मांगा गया। क्योंकि शुभम के दादा जी स्वः राम निवास रजिस्ट्रार थे और पिताजी केबल और डिश टीवी का अच्छा काम करते हैं। इतना ही नहीं उसके चाचा संजय गौड़ रियल एस्टेट का काम करते है। उनके भी कोई बेटा नहीं इसलिए पूरी प्लानिंग के तहत 50 लाख की फिरौती मांगी गई। एक सफेद रंग ब्रेजा गाड़ी किराये पर लेकर उसी से शुभम को ये सभी लोग हरियाणा ले गए। वहाँ से उन्होंने फिरौती मांगनी शुरू कर दी, लेकिन पुलिस ने शक होने पर सारी कड़ियां जोड़ी और पुलिस को पता चल गया कि ये अपहरण नहीं बल्कि झूठी घटना है। शुभम गौड़ टीसीएस नोएडा कंपनी में नौकरी करता है। उसको करीब 25 हजार प्रति महीने वेतन मिलता है। पुलिस पूछ्ताछ में पता चला है कि शुभम बेटिंग और डेटिंग एप का भी आदि है। जिसके चलते उसका खर्च अधिक होता था, शराब और गांजे का सेवन भी वो करता है। जिसको लेकर उसे अपने वेतन का पैसा भी कम पड़ जाता। उसे लगता था कि पिता के पास बहुत पैसा है लेकिन वो देते नहीं देते, इसलिए उसने लालच में आकर अपने दोस्त उधौ के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग बनाई। जिसमें अंकित, संदीप और दीपक को शामिल किया गया। लेकिन आप देखिए शुभम के पिता ने बार्गेनिंग करते हुए इन लोगों को केवल 13 हजार ही दिए। खैर अब पूरी घटना से पर्दा उठ चुका है।
उधौ आर्मी में है कार्यरत
शुभम का दोस्त उधौ आर्मी में नौकरी करता है कुपवाड़ा में उसकी ड्यूटी लगी हुई थी लेकिन अब उसका ट्रांसफर अजमेर हो गया। अब बीच के समय में उधौ कुछ पैसा कमाने का काम करना चाहता था, इसलिए उसे भी इस पूरी प्लानिंग में शामिल किया गया। फिलहाल पुलिस ने संदीप, अंकित और शुभम को गिरफ्तार किया है जबकि दीपक और उधौ फरार है।
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