ये है ऐसा चोर गिरोह जिसने सभी हाईटेक कारों के ऐसे खोले लाॅक, 500 से ज्यादा चुराई गाड़ियां

दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच ने कोडिंग मशीन से कारें चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर पिता-पुत्र व दामाद को गिरफ्तार किया है। आरोपी राकेश उर्फ रमन उर्फ चड्ढा, बेटा सागर और दामाद नीरज उर्फ कालू 500 से अधिक कारें चुरा चुके हैं। ये कोडिंग मशीन से महंगी से महंगी कार के इंजन व चाबी की कोडिंग बदल देते थे। इसके बाद नई चाबी से कार चुराकर फरार हो जाते थे। गिरोह के सदस्य चोरी की कारों को मेरठ में बेचते थे। आरोपियों के कब्जे से तीन कारें बरामद हुई हैं।

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दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (क्राइम ब्रांच) रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि हवलदार नरेंद्र को सूचना मिली कि वाहन चोर कार में अवंतिका, सेक्टर-1, रोहिणी में आएंगे। एसीपी विवेक त्यागी की निगरानी में इंस्पेक्टर पंकज ठाकरान, हवलदार राजेश व हवलदार अमित की टीम ने रोहिणी में प्लानिंग के तहत स्विफ्ट कार को रोका और राकेश, सागर और नीरज को गिरफ्तार कर लिया। कार की तलाशी में नई चाबी से कार को स्टार्ट करने के लिए इस्तेमाल किए गए दो प्रमुख प्रोग्रामिंग उपकरण, लॉक तोड़ने के लिए इस्तेमाल की गई 1 टी-चाबी, ब्रेज, स्विफ्ट डिजायर और बलेनो की 5 नई चाबियां भी बरामद की गईं। तीनों आरोपी अपने सहयोगियों के साथ गिरोह चलाते हैं। राकेश गिरोह का सरगना है। आरोपी मुख्य रूप से मारुति की कारें चुराते थे। पहले ये टी-चाबी के कार के लॉक तोड़ देते थे। इसके बाद ओबीडी स्टार उपकरण से इंजन व चाबी की कोडिंग को बदल देते थे। इस उपकरण से नई कोडिंग कर फिर उसे नई चाबी से जोड़ देते थे। जीपीएस सिस्टम को तोड़कर नई चाबी का इस्तेमाल करने के लिए कार को री-प्रोग्रामिंग करते थे।

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