Noida:गौतम बुध नगर में एक समय था जब बड़े-बड़े बदमाशों के फोन पर कंपनियों में स्क्रैप, पानी, बिल्डिंग मटेरियल, सिक्योरिटी के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के ठेके दिए जाते थे। लेकिन इस आईएएस अफसर ने इन सभी बदमाशों की बदमाशी निकाल कर रख दी। वह भी कानूनी दांव पेचों से। सबसे पहले इस आईएएस अफसर (IAS Officer) ने उन सभी गैंग को चिन्हित किया जो जिले में सक्रिय थे। उसके बाद 1-1 गैंग को नाम देकर उन्हें संगठित गिरोह के रूप में तब्दील कर गैंग के सभी सदस्यों की काली कमाई से बनाई गई संपत्ति मुकदमों में अटैच कर दी।
आप जानना चाहेंगे वह आईएएस अफसर कौन हैं? दरअसल गौतम बुध नगर में जिलाधिकारी के पद को बहुत हल्के में लिया जाता है क्योकि यहां दोनो प्राधिकरणों में सीनियर आईएएस अफसर सीईओ के पद पर होते है। लेकिन बीएन सिंह ने आकर जिलाधिकारी के पद को जैसे स्थापित होना चाहिए उस तरह से स्थापित कर दिया। कानून के मामले में दक्ष होना उनके लिए बेहद लाभकारी रहा। गैंगस्टर एक्ट में उन्होंने बड़े-बड़े माफियाओं को निरुद्ध कर दिया। इतना ही नहीं जो बिल्डर अवैध रूप से कमजोर इमारते बना कर बेच रहे थे, उन पर रासुका की कार्रवाई भी की गई। जिले में सुंदर भाटी और अनिल दुजाना गैंग का दबदबा था मगर औद्योगिक नगरी होने के कारण यहां बदमाशी नहीं बल्कि विकास होना चाहिए।
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इसी लाइन पर चलते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी बीएन सिह ने बदमाशों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी शुरू कर दी। जिले में फिलहाल सुंदर भाटी रणदीप भाटी, अनिल दुजाना जैसे गैंगस्टर के गुर्गे सक्रिय है। लेकिन इन तीनों को जेल तक पहुंचाने में जिला प्रशासन और पुलिस का समन्वय काम आया।
स्क्रैप में गुंडागर्दी पर लगाई लगाम
बड़ी-बड़ी कंपनियों से निकलने वाले स्क्रैप में एकछत्र राज करने वाले सुंदर भाटी गैंग की जिलाधिकारी बीएन सिह ने कमर तोड़ कर रख दी। उन्होंने सभी सबूतों के साथ इस गैंग पर गैंगस्टर की कार्रवाई की। जिसके बाद निजाम मलिक उर्फ मुनीम और उसके बेटे के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही की गई। क्योंकि इन पर आरोप था सुंदर भाटी के साथ मिलकर यह स्क्रैप का ठेका लेते हैं। 70-80 करोड़ रुपए की संपत्ति मुकदमों में अटैच कर दी गई और उसके बाद सील भी कर दी गई।
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नोएडा और गाजियाबाद में होते थे गैंगवार
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद एक समय था जब सुंदर भाटी नरेश भाटी गैंग के बीच गैंगवार हुआ करते थे। नरेश भाटी गैंगवार में मारा गया। दरअसल, नरेश भाटी प्रॉपर्टी विवाद में मारे गए परिवार वालों की जान का बदला लेने के लिए अपराध की दुनिया में उतरा था।
ट्रांसपोर्ट के ठेके को लेकर हुई थी तीन की हत्या
ग्रेटर नोएडा में ट्रांसपोर्ट के ठेकों को लेकर भी बदमाशों का दबदबा रहता था। गांव चैड़ा के रहने वाले 3 युवकों ने वहां ठेका ले लिया जिसके बाद वेदराम भाटी के बेटे रविंद्र को यह नागुजार रहा। सरकार बसपा की थी, पार्टी में वेदराम भाटी काफी पावरफुल नेता माने जाते थे। इसी के चलते रविंद्र के हौसले इतने बुलंद थे कि वह अपने सामने किसी की कामयाबी बर्दाश्त नहीं करता था। अंजाम यह हुआ कि उसने तीन युवकों की हत्या करा दी, लेकिन अब जिले में माहौल बदल चुका है। लंबे समय तक जिलाधकारी के पद पर रहे बीएन सिह ने अच्छे-अच्छे बदमाशों की अकल ठिकाने लगा दी।