Greater Noida: वैसे तो किसी भी क्षेत्र का विकास करने के लिए हर एक अधिकारी और कर्मचारी हर संभव प्रयास करता है और उस प्रयास में वह कभी सफल होते हैं तो कभी भी विफल होते हैं। लेकिन यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण उस वक्त पर बुलंदियों तक पहुंचा है, जब लोग दो वक्त की रोटी जुटा रहे थे। एक ऐसा वक्त था कि लोग निकले हुए भूखंड को सरेंडर करने के लिए प्राधिकरण के चक्कर काटते थे, लेकिन अब ऐसा वक्त आ गया है कि 400 भूखंड के लिए 2-4 हजार नहीं बल्कि लाखों एप्लीकेशन आ रही है।
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कुल मिलाकर कहा जाए तो यमुना प्राधिकरण के कौड़ियों के भाव वाली जमीन को सोने में बदलने का काम इस अफसर डॉ अरुणवीर सिंह ने किया है। वैसे तो प्राधिकरण में बहुत से सीईओ रहकर गए और उन्होंने काम भी किया, लेकिन वह ऐसा काम नहीं कर पाए। जिससे कि कौड़ियों के भाव वाली जमीन को सोने में बदला जा सके। अब वही हकीकत होते दिखाई दे रही है। यही कारण है कि रिटायर होने के बाद भी आईएएस अफसर यानी यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह को दो बार सेवा विस्तार मिल चुका है। उन्हें ना तो राज्य सरकार से न ही केंद्र सरकार की ओर से सहमति मिलने में कोई देरी होती है। झट से भी सहमति मिल जाती है। कुल मिलाकर कहा जाए तो काम बोलता है। लगातार यमुना प्राधिकरण क्षेत्र को बेहतर से बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, इसीलिए निवेशकों की रुचि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में लगातार बढ़ती जा रही है।