Registry department suspended: भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अब यूपी में दिखाई दे रही है। स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने मथुरा के पूरे रजिस्ट्री ऑफिस को संस्पेड कर दिया गया। आरोप था कि पंजीयन के बाद रजिस्ट्री की मूल डीड देने में किसी उदेश्य से देरी की है। शिकायत पर जांच कमेटी का गठन किया गया था, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर उप निबंधक सहित 3 अधिकारी व कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया। भ्रष्टाचार के खिलाफ ये यूपी में अपनी तरह की पहली कार्रवाई है।
ये था पूरा प्रकरण
बता दें कि मथुरा का पूरा रजिस्ट्री ऑफिस निलंबित रजिस्ट्री की मूल कॉपी समय पर न देने के पीछे वसूली की थी। मंशा की जांच समिति प्राथमिक जांच में सही पाई गई। इस बाबत शिकायत 3 दिसंबर को वृंदावन के साधुराम तौरानी ने फ्लैट की रजिस्ट्री के बाद मूल डीड एक दिन बाद देने पर स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल से फोन पर अधिकारियों की शिकायत की थी। नियमानुसार रजिस्ट्री के तत्काल बाद मूल डीड, मामले की गहनता से जांच के लिए अयोध्या मंडल के उप महानिरीक्षक (निबंधन) निरंजन कुमार और उप महानिरीक्षक निबंधन अविनाश पांडेय की जांच समिति गठित की गई थी। बुधवार को समिति ने अपनी वापस करने का नियम है। मामले की प्राथमिक जांच में शिकायत सही पाई गई थी और उप निबंधक प्रथम अजय कुमार त्रिपाठी, कनिष्ठ सहायक प्रदीप उपाध्याय और सतीश कुमार चैधरी को विभिन्न जनपदों से संबद्ध कर दिया गया था। रिपोर्ट सौंप दी। इसके मुताबिक रजिस्ट्री की मूल कॉपी में देरी के पीछे भ्रष्टाचार की मंशा थी।
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