मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने आईएमए भवन में पत्रकारों को किया संबोधित, बोले
ghaziabad news आईएमए यूपी स्टेट के सचिव डॉ. आशीष अग्रवाल ने कहा कि शरीर में केवल फेफड़ों में ही नहीं, बल्कि सिर से लेकर पैर तक किसी भी हिस्से में टीबी की बीमारी हो सकती है। इसका मरीज को जांच के बाद पता चलता है। टीबी के इलाज में लापरवाही की वजह से विश्व में तीसरे मरीज की मौत हो रही है। आईएमए भवन में सोमवार को प्रेसवार्ता में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पिछले दिनों 100 दिन का रोगी खोज अभियान चलाया गया था। जिसमें 7,97,869 संदिग्धों की स्क्रीनिंग की गई। उनमें से 6242 मरीजों को चिन्हित किया गया। फिलहाल जिले में करीब 15 हजार मरीजों का उपचार चल रहा है। इनमें 650 एमडीआर मरीज हैं। टीबी के इलाज में सबसे जरूरी है रोगी की पहचान और उसका इलाज। 95 प्रतिशत लोग टीबी के उपचार कराने से ठीक हो जाते हैं। लेकिन दवा बीच में छोड़ने वाले मरीजों के लिए स्थिति गंभीर हो सकती है। दवा रजिस्टेंस होने की वजह से मरीज एमडीआर स्थिति में पहुंच जाता है। ऐसे में जरूरी है कि सरकारी और प्राइवेट चिकित्सकों के सहयोग से टीबी का पूरा इलाज कराएं। सरकारी स्तर पर जांच के साथ दवा की सुविधा भी दी जा रही है। 100 दिन के कार्यक्रम के बाद अब संवेदनशील क्षेत्रों में मॉनिटरिंग का कार्य शुरू किया जाएगा।
इस मौके पर यूपी स्टेट के अध्यक्ष निर्वाचित डा. राजीव गोयल, कोषाध्यक्ष डा. वाणी पुरी, कोर्डिनेटर डा. विश्वबंधु जिंदल, सह सचिव डा. नवनीत वर्मा, गाजियाबाद उपाध्यक्ष डा. प्रहलाद चावला, सचिव डा, सार्थक केसरवानी आदि मौजूद रहे।