Supreme Court: नई दिल्ली उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वो गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज आपराधिक मामलों की समीक्षा करेगी और इसके प्रावधानों को लागू करने पर नया दिशा-निर्देश जारी करने पर विचार कर रही है, जो करीब-करीब तैयार है। उप्र सरकार ने ये बातें सुप्रीम कोर्ट में तब कहीं, जब जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यूपी गैंगस्टर एक्ट और एंटी सोशल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट के कुछ प्रावधान कठोर प्रतीत होते हैं।
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कोर्ट ने कहा कि उप्र सरकार को इन कानूनों पर दोबारा विचार करना चाहिए कि कौन सा प्रावधान लागू होना चाहिए और कौन सा नहीं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट उप्र के गैंगस्टर एक्ट की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। याचिका में दावा किया गया है कि राज्य पुलिस गैंगस्टर एक्ट का दुरुपयोग कर रही है। याचिका में इस कानून के तहत संपत्ति को अधिग्रहण करने के पुलिस के अधिकार को भी चुनौती देते हुए कहा गया है कि यूपी गैंगस्टर एक्ट समानता के अधिकार की कसौटी पर पूरी तरह से विफल रहा है। याचिका में कहा गया है कि यूपी गैंगस्टर एक्ट नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।