नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे आसपास के इलाकों में तो हालात और भी गंभीर हैं, जहां AQI 400 से ऊपर छू रहा है। इस खतरनाक स्थिति को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब GRAP स्टेज IV के सख्त कदम स्टेज III में ही लागू होंगे, जिसमें सरकारी और निजी दफ्तरों में 50 फीसदी कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी से GRAP में सख्ती
सुप्रीम कोर्ट ने 19 नवंबर को CAQM को हवा की खराब गुणवत्ता पर तुरंत ‘प्रोएक्टिव’ कदम उठाने की छूट दी थी। कोर्ट ने कहा था कि प्रदूषण को रोकने के लिए पहले से ही सख्ती बरतनी होगी, वरना हालात और बिगड़ जाएंगे। इसी के बाद CAQM ने 21 नवंबर को GRAP शेड्यूल को अपडेट कर दिया।
पहले ये सख्तियां केवल ‘गंभीर’ (AQI 400+) स्तर पर लागू होती थीं, लेकिन अब ‘बहुत खराब’ (AQI 301-400) स्तर पर ही इन्हें चालू किया जा सकेगा। इसमें वर्क फ्रॉम होम, ऑफिस टाइमिंग में बदलाव और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना प्रमुख है।
CAQM के अनुसार, दिल्ली सरकार (GNCTD) और एनसीआर के राज्यों को फैसला लेना होगा कि पब्लिक, म्युनिसिपल और प्राइवेट ऑफिस 50 फीसदी स्टाफ के साथ चलें, जबकि बाकी कर्मचारी घर से काम करें। केंद्रीय सरकार भी अपने दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दे सकती है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “GRAP-3 के फेज-2 में 50 फीसदी कर्मचारियों को घर से काम करना होगा। हम बॉर्डर पर वाहनों की सख्त चेकिंग कर रहे हैं और धूल-मिट्टी पर पानी का छिड़काव बढ़ा दिया है।”
अन्य पाबंदियां जो बढ़ीं
• स्टेज II में बदलाव: पहले स्टेज III के कदम अब स्टेज II (‘खराब’ AQI) में शिफ्ट हो गए हैं। इसमें दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर के पब्लिक ऑफिस और म्युनिसिपल बॉडीज की टाइमिंग स्टैगर करेंगे।
• ट्रैफिक और ट्रांसपोर्ट: CNG/इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो सेवाओं को बढ़ाया जाएगा। ऑफ-पीक घंटों में यात्रा के लिए डिस्काउंट दिए जाएंगे। ट्रैफिक जाम वाले स्पॉट्स पर अतिरिक्त पुलिस तैनात होगी।
• कंस्ट्रक्शन और इंडस्ट्री: पहले से ही स्टेज III के तहत कंस्ट्रक्शन बैन है, जो अब और सख्त होगा। BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों पर पाबंदी जारी रहेगी।
• पावर सप्लाई: जनरेटर के इस्तेमाल को रोकने के लिए बिना रुकावट बिजली सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की ‘विंटर हीटर पहल’
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रदूषण कम करने के लिए नया कदम उठाया है। उन्होंने पश्चिमी दिल्ली के निवासियों के लिए ‘विंटर हीटर पहल’ लॉन्च की, जिसमें रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटियों (RWS) को CSR फंड से 10 हजार हीटर्स दिए जाएंगे। गुप्ता ने कहा, “लकड़ी और कोयला जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए ये प्रयास जरूरी है। सभी को इसमें साथ देना होगा ताकि दिल्ली के 3 करोड़ लोग साफ हवा ले सकें।” साथ ही, कूड़ा जलाने और बायोगैस फ्यूल हीटर्स पर सख्ती बरती जा रही है।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोग GRAP के नए नियमों पर चर्चा कर रहे हैं। इंडिया टीवी न्यूज ने ट्वीट किया, “दिल्ली की हवा बहुत खराब, AQI 359। GRAP स्टेज III में वर्क फ्रॉम होम की सिफारिश।” वहीं, यूजर यद धलीवाल ने लिखा, “रेखा गुप्ता सरकार अगर इजाजत दे तो स्टेट ऑफिस 50% कैपेसिटी पर चलेंगे। स्मॉग, पॉल्यूशन, फार्मर स्टबल बर्निंग सब जिम्मेदार।” कई यूजर्स ने मांगा कि स्कूलों को भी हाइब्रिड मोड में शिफ्ट किया जाए।
विशेषज्ञों का कहना है कि ये कदम तात्कालिक राहत दे सकते हैं, लेकिन लंबे समय के लिए स्टबल बर्निंग रोकना, इंडस्ट्री एमिशन कंट्रोल और ग्रीन ट्रांसपोर्ट जरूरी है। CAQM ने सभी एजेंसियों को तुरंत अमल करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल, दिल्लीवासियों से अपील है कि आउटडोर एक्टिविटी कम करें, मास्क पहनें और घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।

