पंजाब में 37 साल बाद ऐसी भीषण बाढ़, जनजीवन अस्त-व्यस्त; CM मान ने बुलाई आपात बैठक

flood in punjab

flood in punjab : चंडीगढ़ : पंजाब में इस समय बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से सटे जिलों में हालात बेहद खराब हैं, जहां कई गांव पूरी तरह पानी में डूब चुके हैं। 1988 के बाद पहली बार इतनी भीषण बाढ़ आई है, जिसने पिछले 37 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण सतलुज, ब्यास और रावी नदियां उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है।

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बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले जिलों में पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, तरन तारन, कपूरथला, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर शामिल हैं। इन इलाकों में सैकड़ों गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं, और दूर से देखने पर सिर्फ घरों की छतें ही दिखाई देती हैं। हजारों लोग अपने घरों और मवेशियों को छोड़कर अस्थायी राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। इस आपदा से बड़े पैमाने पर जान और माल का नुकसान हुआ है।

राहत और बचाव कार्य जारी

राज्य सरकार ने युद्ध स्तर पर राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी प्रभावित जिलों के प्रशासन को बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। आज चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री ने इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक भी बुलाई है, जिसमें राहत कार्यों की समीक्षा की जाएगी।

आपदा से निपटने के लिए राजपुरा में एक फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, और आपातकालीन स्थितियों में मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। बता दें कि पटियाला का बाढ़ से पुराना नाता रहा है, जहां 1993 और 2023 में भी भीषण बाढ़ आई थी।

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