ghaziabad news श्रावण शिवरात्रि पर किसी कांवड़िए ने दंडवत तो किसी ने परिवार की खुशहाली के लिए भगवान दूधेश्वर नाथ पर जलाभिषेक किया। मंदिर सूत्रों की मानें तो करीब हजारों शिवभक्तों ने भोले शंकर पर आस्था का जल चढ़ाया। इसके अलावा कुछ श्रद्धालुओं ने अपने घर के आसपास के मंदिरों में जाकर जलाभिषेक किया।
चतुर्दशी का जल बुधवार सुबह चार बजे से चढ़ना शुरू हुआ। इससे पहले कांवड़ियों ने मंगलवार रात 2.29 बजे तक हाजिरी का जल चढ़ा। शिवरात्रि का जल पूरे दिन और देर रात दो बजे तक चढ़ाया गया। प्रात: तीन बजे भगवान दूधेश्वर का भव्य श्रृंगार किया गया।
प्राचीन देवी मंदिर द्वारका पुरी दिल्ली गेट के महंत गिरिशानंद गिरि ने धूप व दीप आरती की। भगवान को 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया। सुबह चार बजे से मंदिर भक्तों के लिए खोला गया। जलाभिषेक के दौरान बड़ी संख्या में कांवड़ियां दंडवत होकर दरबार तक पहुंचे तो किसी ने घंटों इंतजार के बाद शिवलिंग के दर्शन किए। शिवरात्रि के दिन आठों प्रहर भगवान का रूद्राभिषेक किया गया। मंदिर में उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब आदि राज्यों के कांवड़िए ने भी जलाभिषेक किया। बोल बम और भगवान दूधेश्वर के जयकारों से मंदिर परिसर, जस्सीपुरा मोड़ और जीटी रोड गुंजायमान रहा। जस्सीपुरा मोड़ पर एमएमजी अस्पताल से हापुड़ तिराहे तक कांवड़ शिविर लगाए गए हैं। जहां पर मंदिरों के रहने, खाने की व्यवस्था रही। शिविर के पास ही भोले के भजनों पर कांवड़िये थिरक रहे हैं और बम भोले के जयकारों से पूरा माहौल शिवमय हो गया है। इसके अलावा शंभू दयाल इंटर और डिग्री कॉलेज में भी कांवड़ियों के रुकने की व्यवस्था की गई है। मंदिर के आसपास का वातावरण केसरिया रंग में रंग गया है। जलाभिषेक के दौरान हर-हर महादेव, बोल बम-बम-बम के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। सृष्टि की रक्षा को भोले ने विष पिया- महंत महंत नारायण गिरी ने बताया कि सावन मास का बहुत अधिक महत्व है। इस महीने में समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को भगवान शिव ने सृष्टि की रक्षा के लिए ग्रहण किया था। इसी कारण शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करना, गंगाजल लाकर उनका अभिषेक करने का इतना अधिक महत्व होता है।
मंदिर जाने वाले रास्ते रहे बंद
जीटी रोड पर चौधरी मोड और ठाकुरद्वारा फ्लाईओवर, गोशाला चौकी और हापुड़ मोड़ की तरफ से दूधेश्वर नाथ मंदिर के मार्ग बिल्कुल बंद रहा। छोटे और दोपहिया वाहनों को मंदिर की ओर नहीं जाने दिया गया। केवल पैदल श्रद्धालुओं और राहगीरों को ही बैरियर से अंदर जाने दिया जा रहा है। इस दौरान एमएमजी और महिला अस्पताल में उपचार के लिए जाने वाले मरीजों को भी मशक्कत करनी पड़ेगी। अधिकारियों की निगरानी में जलाभिषेक मंदिर में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम रहे। सीसीटीवी कैमरों के साथ भारी संख्या में पुलिस बल शिवभक्तों की व्यवस्था में लगा रहा। वहीं, मंदिर के अंदर सेवादार ने व्यवस्था संभाली।
व्यवस्था संभालने सड़क पर खुद उतरे पुलिस आयुक्त डीएम, नगरायुक्त और महापौर
कांवड़ियों को कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए महापौर सुनीता दयाल, नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक से लेकर जिलाधिकारी दीपक मीणा व पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी, डीसीपी सिटी धवन जायसवाल, एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद, एसीपी कोतवाली रितेश त्रिपाठी आदि सभी व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए हैं।
इन शिवालयों में जलाभिषेक
शहर भर के सभी शिवालयों में पूजा अर्चना हुई। साफ-सफाई के साथ मंदिरों में सजावट की गई। विशेष तौर पर श्री मनन धाम मोरटा, शिव शक्ति धाम डासना, शिव मंदिर नेहरू नगर-2, शिव मंदिर नेहरू नगर-3, शिव मंदिर विजय नगर, शिव मंदिर पटेल नगर, शिव मंदिर लोहिया नगर, शिव मंदिर कविनगर, स्वयं भू शिव मंदिर, शिव मंदिर शास्त्री नगर, शिव मंदिर महेंद्र एन्क्लेव, शिव मंदिर अशोक नगर, शिव मंदिर प्रताप विहार, शिव मंदिर विजय नगर समेत सभी शिवालयों में जलाभिषेक किया।

