घटना जिले के मुख्यालय क्षेत्र में हुई, जहां एक लोकल स्कूल से लौट रहे 23 बच्चों को एक ही छोटे से ऑटो रिक्शा में भरकर घर भेजा जा रहा था। वीडियो में साफ दिख रहा है कि बच्चे एक-दूसरे पर चढ़े हुए थे, जिससे न केवल उनकी जान को खतरा था, बल्कि सड़क पर अन्य वाहनों के लिए भी जोखिम पैदा हो रहा था। ट्रैफिक पुलिस को सूचना मिलते ही सब-इंस्पेक्टर कल्याण ने ऑटो को रोका और चालक को लाल-हाथ पकड़ लिया।
पुलिस ने तत्काल प्रभाव से ऑटो रिक्शा को जब्त कर लिया। बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उन्हें दो अलग-अलग ऑटो रिक्शाओं में बिठाकर सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाया गया। ऑटो चालक को सख्त चेतावनी दी गई कि भविष्य में ओवरलोडिंग या असुरक्षित यात्रा की कोशिश की तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सब-इंस्पेक्टर कल्याण ने कहा, “बच्चों की जान के साथ लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करेंगे।”
यह घटना सोशल मीडिया पर खूब चर्चा का विषय बनी हुई है। यूजर्स ने इसे ‘सर्कस’ जैसा करार देते हुए अभिभावकों और स्कूल प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं। कई पोस्ट्स में कहा गया कि सस्ती यात्रा के चक्कर में बच्चों की सुरक्षा दांव पर न लगाई जाए। Zee Business और TNews Telugu जैसे न्यूज हैंडल्स ने इस वीडियो को शेयर कर जागरूकता फैलाई है।
तेलंगाना में ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, जैसे 2019 में करीमनगर जिले में 24 यात्रियों से भरा ऑटो रिक्शा पकड़ा गया था, जिसके बाद पुलिस ने सख्ती बरती थी। विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूल वाहनों के लिए सख्त नियमों और नियमित जांच की जरूरत है। नागरकर्नूल ट्रैफिक पुलिस ने अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों को केवल अधिकृत और सुरक्षित वाहनों में ही भेजें।
यह मामला सड़क सुरक्षा और बच्चों की यात्रा व्यवस्था पर गंभीर बहस छेड़ रहा है। जिला प्रशासन ने कहा है कि ऐसी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

