वित्त मंत्री सीतारमण ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण का किया शुभारंभ
Nirmala Sitharaman: नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) का शुभारंभ किया। उन्होंने इसे न केवल एक संस्थागत मील का पत्थर बताया, बल्कि पिछले आठ वर्षों में जीएसटी व्यवस्था के विकास का एक “शक्तिशाली प्रतीक” भी बताया।
Nirmala Sitharaman:
वित्त मंत्री ने राजधानी नई दिल्ली में जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के शुभारंभ के अवसर पर अपने संबोधन में कहा, वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण का शुभारंभ केवल एक संस्थागत मील का पत्थर नहीं है। यह इस बात का प्रतीक है कि पिछले आठ वर्षों में जीएसटी कितनी प्रगति कर चुका है, और यह भविष्य के लिए इसे निरंतर बेहतर बनाने, सुधारने और अनुकूलित करने के हमारे दृढ़ संकल्प का भी एक सशक्त अनुस्मारक है।
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सीतारमण ने कहा, “एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार से लेकर अनुपालन और नीति की एकीकृत प्रणाली तक जीएसटी ने भारत के अप्रत्यक्ष कराधान को बदल दिया है।” उन्होंने कहा कि यह प्रणाली एक विश्वसनीय राजस्व स्रोत के रूप में विकसित हुई है, कर आधार को बढ़ाया है, अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाया है और भारत की विकास कहानी की नींव रखी है। उन्होंने कहा कि जब हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 2017 में जीएसटी को लागू किया गया था, तब भारत ने ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’ का लक्ष्य हासिल किया था।
उन्होंने कहा कि जीएसटी ने अप्रत्यक्ष करों के बिखरे जाल ने एक निर्बाध साझा बाजार का मार्ग प्रशस्त किया। इसका मार्गदर्शक विचार एकता था, ‘नीति में एकता’, ‘अनुपालन में एकता’ और ‘आर्थिक उद्देश्य में एकता’। तब से लेकर जीएसटी परिषद ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर इस प्रणाली को परिष्कृत और सुदृढ़ किया है। जीएसटी एक विश्वसनीय राजस्व स्रोत के रूप में उभरा है, कर आधार को व्यापक बनाया है, औपचारिकता को प्रोत्साहित किया है और भारत की विकास गाथा का आधार बन गया है।
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