चांदी की कीमतें आसमान छू रही हैं: दिवाली से पहले कमी की अफवाहें या हकीकत? पढ़िए पूरी खबर

Silver Dhanteras News: दिवाली और धनतेरस के नजदीक आते ही चांदी बाजार में हलचल तेज हो गई है। चांदी की कीमतें ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच चुकी हैं, जो करीब 1.89 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक जा रही हैं। लेकिन साथ ही बाजार में अफवाहें जोरों पर हैं कि चांदी गायब हो गई है और सप्लाई में भारी कमी आ गई है। क्या यह सिर्फ अफवाह है या इसमें कुछ सच्चाई है? हमने विभिन्न स्रोतों से जानकारी जुटाई है, जिसमें वैश्विक बाजार, भारतीय आयात और एक्स (पूर्व ट्विटर) पर चल रही चर्चाओं का विश्लेषण शामिल है।

कीमतों में उछाल का कारण
इस साल चांदी की कीमतों में करीब 70% की बढ़ोतरी देखी गई है। अप्रैल में जहां चांदी 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास थी, वहीं अब यह 1.89 लाख रुपये तक पहुंच गई है। वैश्विक स्तर पर सिल्वर की मांग बढ़ने से यह उछाल आया है, खासकर इंडस्ट्रियल यूज जैसे सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में। भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा सिल्वर उपभोक्ता है, में निवेशकों की मांग ने इसे और तेज कर दिया है। सितंबर में सिल्वर ईटीएफ में 53 अरब रुपये का निवेश हुआ, जो रिकॉर्ड स्तर है। एमसीएक्स पर फ्यूचर्स प्राइस भी स्पॉट प्राइस से ऊपर चल रही है, जो बैकवर्डेशन की स्थिति दर्शाती है।

कमी की अफवाहें: कितनी सच्चाई?
बाजार में यह अफवाह फैली हुई है कि चांदी पूरी तरह गायब हो गई है। लेकिन ग्राउंड रिपोर्ट से पता चलता है कि यह पूरी तरह अफवाह नहीं है, बल्कि सप्लाई में दिक्कत जरूर है। 2025 के पहले आठ महीनों में भारत के सिल्वर आयात में 42% की गिरावट आई है, जो कुल 3,302 टन रहा। इसके चलते ज्वेलर्स अब एडवांस पेमेंट मांग रहे हैं और डिलीवरी में 8-20 दिनों की वेटिंग चल रही है। दिल्ली के चांदनी चौक जैसे बड़े बाजारों में पहले जहां हाथों-हाथ चांदी मिल जाती थी, अब एमसीएक्स रेट से 10% ज्यादा प्रीमियम (करीब 25-30 हजार रुपये प्रति किलो अतिरिक्त) देना पड़ रहा है।

एक्स पर यूजर्स की चर्चाएं भी यही दर्शाती हैं। एक यूजर ने लिखा कि “भारत में सिल्वर की कमी से वैश्विक बाजार में पैनिक है, कीमतें रिकॉर्ड हाई पर हैं।” दूसरे ने कहा कि “शहरों में सिल्वर उपलब्ध नहीं है, 8-15 दिनों की डिलीवरी वेटिंग है।” वैश्विक स्तर पर लंदन में लीज़ रेट्स 30% से ऊपर चढ़ गए हैं, पर्थ मिंट ने सेल्स रोक दी है, और भारत में कोटक व आईसीआईसीआई जैसे फंड्स ने सिल्वर ईटीएफ सब्सक्रिप्शन रोक दिए हैं।

क्या होगा आगे?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कमी अस्थायी है, लेकिन दिवाली तक कीमतें और बढ़ सकती हैं। आयात पर मार्च 2026 तक की पाबंदी और बढ़ती मांग से प्रीमियम और ऊंचा हो सकता है। हालांकि, सिल्वर कोइन्स जैसी चीजें अब दुर्लभ हो गई हैं, जो धनतेरस पर पारंपरिक खरीदारी को प्रभावित कर सकती हैं। निवेशकों को सलाह है कि अफवाहों से बचें और प्रमाणित डीलर्स से ही खरीदें।

कुल मिलाकर, चांदी गायब नहीं हुई है, लेकिन सप्लाई चेन में दिक्कतें जरूर हैं। दिवाली से पहले अगर आप खरीदारी की सोच रहे हैं, तो जल्दी करें और प्रीमियम पर नजर रखें।

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