Silkyara Tunnel: टनल के अंदर पहुंची एनडीआरएफ टीम, मजदूरों को निकाल सीधे पहुचाएंगे अस्पातल

उत्तरखण्ड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल (Silkyara Tunnel) में बचाव अभियान के लिए की जा रही खुदाई का कार्य पूरा कर लिया गया है और अब मजदूरों को कुछ देर में बाहर निकाला जाएगा। मजदूरों के परिजनों को भी बुला लिया गया है, मेडिकल टीम और एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई हैं। टनल से बाहर निकालने के बाद मजदूरों को सीधे अस्पताल ले जाया जाएगा। जिसके लिए एक एम्बुलेंस को सुरंग के अंदर ले जाया गया है। आ रही खबरों के मुताबिक 55.3 मीटर तक पाइप डाला जा चुका है। इसी पाइप के जरिए मजदूरों को सुरंग से बाहर लाया जाएगा। जिसके लिए स्ट्रेचर और गद्दे सुरंग के अंदर भेजे गए हैं। 12 नवंबर को दीवाली के दिन सुबह करीब पांच बजकर 30 मिनट पर उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में भूस्खलन हो गया। जिस समय टनल में भूस्खलन हुआ उस समय वहां करीब 50 मजदूर काम कर रहे थे। इनमें से कुछ वक्त रहते बाहर निकल आए और 41 मजदूर टनल के अंदर ही फंस गए।

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बता दें कि इस टनल में मजदूर दो शिफ्ट में काम कर रहे थे।  पहली शिफ्ट सुबह 8 बजे से रात आठ बजे तक काम करती थी, वहीं दूसरी शिफ्ट रात 8 से सुबह 8 तक सिलक्यारा टनल में काम करती थी। जो मजदूर सुरंग में फंस गए वह रात की शिफ्ट में काम कर रहे थे। कुछ घंटे बाद वह काम खत्म कर दीवाली मनाने के लिए जाने वाले थे, लेकिन ये अनहोनी हो गई और मजदूर टनल के अंदर फंस गए.सुरंग में फंसे मजदूर सुरक्षित हैं। उन्हें लगातार पाइप के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है। इसी वजह से मजदूर जीवित बचे हैं. शुरूआती कुछ दिनों तक मजदूरों को सिर्फ ड्राइफ्रूट्स और चना ही खाने के लिए भेजा गया था, लेकिन बाद में उनके लिए दलिया और कुछ लिक्विड फूड भी भेजा जाने लगा। इसके अलावा मजदूरों को खाने के लिए पका हुआ भोजन और फल भी सिलक्यारा सुरंग में भेजा जा रहा है। सुरंग के अंदर 2 किलोमीटर के खंड में श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंक्रीट का भी किया गया। क्योंकि टनल का यह खंड बचाव अभियान का केंद्र बिंदु है। फिलहाल बचाव कार्य जारी है।

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