Kawad Yatra 2024: वैसे तो कावड़ियों के रास्ते में पड़ने वाली दुकान, ढाबे और ठेली-पटरी पर यूपी और उत्तराखंड में नेमप्लेट लगाने की आदेश हो चूके हैं। यानी नाम से पता चलेगा कि किस धर्म के व्यक्ति की दुकान है। इस सबके बीच एक पक्ष विरोध में है तो दूसरा पक्ष इसे सही मान रहा। ये फोटो मुजफ्फरनगर की है। जहाँ कांवड़ियों के लिए रास्ता तैयार किया जा रहा। जय हिन्द जनाब ने जब यहाँ काम करने वालों से उनके नाम पूछे तो ज्यादातर मुसलमान थे। उनसे पूछा नेमप्लेट के बारे में तो कहाँ कि जो सरकार कहती है वही हम करते हैं। फिलहाल तो कांवड़ियों के लिए रास्ता बना रहे हैं। बांस बल्ली लगाकर ये रास्ता बनाया जा रहा है। अपना पसीना बहा रहे है। दरअसल टीवी चैनलों की बहस और सोशल मीडिया पर तो ऐसा लगता है कि कांवड़ यात्रा के दौरान हिंदू मुस्लमान, इसके अलावा कुछ नहीं। लेकिन यहाँ तो नफरत की दुकान की बजाय मोहब्बत की दुकान चल रही है। ज़मीनी स्तर पर हिंदू मुस्लमान केवल नाम के लिए ही नजर आता है और टीवी न्यूज़ चैनल देख लेंगे तो लगेगा कि देश भर में इसके अलावा कोई दूसरा टॉपिक नहीं।
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भोजन में प्याज देने पर कावड़िए भड़के
मुजफ्फरनगर में छपार उसके पास एक ढाबे में कांवड़ियों ने तोड़ फोड़ की। वजह थी खाने में प्याज दे देना। ये ढाबा हिंदू मालिक का है और इसमें ज्यादातर काम करने वाले भी हिन्दू ही है। यह ढाबा मुसलमान का होता तो समझ जाइए क्या हो सकता था? खैर सरकार जो भी कुछ करती हैं सोच समझकर करती है। विरोध हो रहा था मगर अब उत्तराखंड ने भी ऐसी ही घोषणा कर दी। संविधान बचाने की जिम्मेदारी केवल राहुल गाँधी की है। संविधान सुरक्षित है पीएम का ये दावा है। देखा जा सकता है कि संविधान सुरक्षित है या फिर खतरे में।

