Noida Illegal Construction: अक्सर आपने देखा होगा जब प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में कोई निर्माण किया जाता है तो प्राधिकरण की टीम उसे तुरंत ध्वस्त करने पहुँच जाती है। लेकिन नोएडा में आज कल अवैध निर्माण जमकर हो रहा है। इसे रोकने के लिए जिम्मेदार वर्क सर्कल चुप हैं और आला अधिकारी गहरी नींद सोए हुए। ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की ओर से लगातार अधिसूचित क्षेत्र में हो रहे निर्माण ऊपर बुलडोजर चल रहा है जबकि नोएडा में दूसरा शाहबेरी बन रहा है। हाजीपुर, भंगेल और सलारपुर गांव (Hajipur, Bhangel and Salarpur villages) की विवादित जमीन पर जमकर फ्लैट बनाए जा रहे है। प्राधिकरण का वर्क सर्किल दिखावे के लिए छोटी कार्रवाई कर इतिश्री कर लेता है।
शाहबेरी में हुआ था भीषण हादसा
बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट शाहबेरी में भीषण हादसा हुआ था जिसमें बच्ची समेत आधा दर्जन लोगों की जान गई थी। यहां भी फ्लैट बनाए गए थे जिनकी मजबूती का कोई पैमाना नही था। दो बिल्डिंग भरभरा कर गिरी थी। उस वक्त से अब तक शाहबेरी में किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक है। ठीक उसी प्रकार ये हाजीपुर सेक्टर 104, सलारपुर, भंगेल और महर्षि आश्रम की जमीन पर फ्लैटों का निर्माण हो रहा है। ऐसे मे कहा जा सकता है कि नोएडा में दूसरा शाहबेरी तैयार हो रहा है।
पांच पांच मंजिल के बन रहे स्ट्रक्चर कितने मजबूत कितने खोखले
यहाँ पांच छह मंजिला इमारतें बनाई जा रही है। जिनमे 15 से 20 फ्लैट एक इमारत में है। इनका स्ट्रक्चर कितना मजबूत है इस बारे में कहा नहीं जा सकता। इतना जरूर है कि जिन लोगों को नोएडा में थ्री बीएचके 80 लाख रुपये तक का चाहिए तो ये छोटे बिल्डर उनको उपलब्ध करा रहे। इससे हजारों लोगों की जिंदगी खतरे में नजर आ रही है। शाहबेरी में भी ऐसा ही हुआ था।
पिछले पांच वर्षों में बढ़ गया अवैध निर्माण
इस संबंध में जब नोएडा प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने जवाब तो सही दिया नहीं है, लेकिन इतना जरूर कहा कि पूरी मिलीभगत है और पिछले पांच वर्षों में नोएडा में अवैध निर्माण काफी बढ़ गया है। जहाँ पर प्राधिकरण निर्माण शुरू होते ही बुलडोजर चलाता था। वही बड़ी बड़ी इमारतें बनकर खड़ी हो गई। ऐसे में सवाल ये है कि बुलडोजर चलाने वाला प्राधिकरण अब चुप क्यों हैं? क्या पहले गलत कार्रवाई की या अब आंख बंद करके बैठा है।
अवैध रूप से निर्माण कर रहे फ्लैट वालों ऊपर दिखावे की कार्रवाई
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी केवल दिखावे के लिए कार्रवाई करते नजर आते हैं। कई ऐसे स्थान हैं जहाँ स्वयं प्राधिकरण के सीईओ के साथ टीम गई और इमारतों पर अवैध निर्माण लिख कर आ गए। ये सभी इमारतें बरौला में बनी है। उसके बाद से इन इमारतों में काम रुकना तो दूर निर्माण कार्य और तेज होता चला गया।