मुख्य उपलब्धियाँ (मंत्री के बयान के अनुसार):
– लगभग 1.75 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन बंद किए गए
– करीब 20 लाख चोरी हुए मोबाइल फोन ट्रेस किए गए
– इनमें से 7.5 लाख फोन वापस उनके असली मालिकों को सौंप दिए गए
मंत्री ने कहा, “एक तरफ दूरसंचार ने देश के कोने-कोने तक हर नागरिक को जोड़ा है, वहीं कुछ असामाजिक तत्व इसी सुविधा का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी कर रहे हैं। संचार साथी पोर्टल और ऐप इसी धोखाधड़ी को रोकने का एक प्रभावी हथियार है।”
ऐप को लेकर उठ रहे सवालों पर स्पष्ट जवाब:
सोशल मीडिया पर कुछ लोग ऐप को “जासूसी ऐप” या “कॉल मॉनिटरिंग टूल” बता रहे थे। इस पर श्री सिंधिया ने साफ कहा:
“इस ऐप में न कोई जासूसी है, न कोई कॉल मॉनिटरिंग है।
– अगर आप इसे एक्टिवेट करना चाहते हैं तो करें,
– नहीं चाहते तो डीएक्टिवेट कर दें।
– फोन में रखना है तो रखें, डिलीट करना है तो डिलीट कर दें।
यह पूरी तरह उपभोक्ता की मर्जी पर है।”
संचार साथी ऐप क्या करता है?
– चेक कर सकते हैं कि आपके नाम पर कितने सिम सक्रिय हैं (ताकि फर्जी सिम का पता चल सके)
– चोरी या गुम हुए फोन को CEIR पोर्टल के जरिए ब्लॉक/अनब्लॉक कर सकते हैं
– फोन की IMEI वैधता चेक कर सकते हैं
– फ्रॉड कॉल/एसएमएस की शिकायत दर्ज कर सकते हैं
DoT के अनुसार यह पूरी तरह वैकल्पिक ऐप है और इसका उद्देश्य केवल उपभोक्ता सुरक्षा है। ऐप आपके कॉल या मैसेज की सामग्री को नहीं पढ़ता, न ही लोकेशन ट्रैक करता है (जब तक आप खुद CEIR में रिपोर्ट न करें)।
मंत्री ने अंत में अपील की कि लोगों को गलत अफवाहों पर ध्यान न दें और जरूरत पड़ने पर इस ऐप का इस्तेमाल कर अपनी सुरक्षा खुद सुनिश्चित करें।

