Budget 2024: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजटः निर्मला सीतारमण का दावा, सबका साथ से 25 करोड़ लोगों को निकाला गरीबी से बाहर
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Budget 2024: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजटः निर्मला सीतारमण का दावा, सबका साथ से 25 करोड़ लोगों को निकाला गरीबी से बाहर

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में अंतरिम बजट पेश किया है। वे सरकार की उपलब्धियों के साथ बजट की बारीकिंया बता रही है। आप को बता दें कि यह बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट है। वित्तमंत्री इस बार छठा बजट सदन में पेश कर रही हैं। मोरारजी देसाई के बाद सीतारमण ही दूसरी वित्त मंत्री हैं, जिन्हें छह बार बजट पेश करने का मौका मिला। मौजूदा स्वास्थ्य ढांचे का ही इस्तेमाल करते हुए हम और मेडिकल कॉलेज बनाएंगे। हमारी सरकार 9 से 14 साल की बच्चियों को सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन का टीका लगाया जाएगा। मातृत्व और बाल विकास के लिए एक समग्र योजना बनाई जाएगी। आंगनवाड़ी केंद्रों को अपग्रेड किया जाएगा। पोषण 2.0 के अमल में तेजी लाई जाएगी। टीकाकरण को मजबूत किया जाएगा। आयुष्मान भारत से सभी आशा और आंगनवाड़ी कर्मियों को इसके दायरे में लाया जाएगा। मध्यमवर्ग के लिए योजना बनेगी। किराए के घर, बस्ती, अनियमित घरों में रहने वालों के पास नया घर खरीदने या बनाने का मौका रहेगा। रूफटॉप सौर ऊर्जा से एक करोड़ घरों को 300 यूनिट की मुफ्त बिजली हर महीने सौर ऊर्जा के जरिए मिल पाएगी। 15-18 हजार रुपये की बचत होगी।

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ई-व्हीकल की चार्जिंग के लिए बड़े पैमाने पर इंस्टॉलेशन होंगे। इससे वेंडरों को काम मिलेगा। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से 38 लाख किसानों को फायदा मिला है और 10 लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं। उपज के बाद होने वाले नुकसान को रोकने के लिए भी योजनाओं पर काम हो रहा है। हम कृषि उपज होने के बाद की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी मजबूत करेंगे। आत्मनिर्भर तेल बीज अभियान को मजबूत किया जाएगा। इसके तहत कृषि की नई प्रौद्योगिकी और कृषि बीमा को बढ़ावा दिया जाएगा। डेयरी से जुड़े किसानों की भी मदद की जा रही है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। मत्स्य संपदा को भी मजबूत किया जा रहा है। सी-फूड का उत्पादन दोगुना है। मत्स्य संपदा योजना के जरिए उत्पादकता को तीन से बढ़ाकर पांच टन प्रति हेक्टेयर किया जाएगा। रोजगार के 55 लाख नए अवसरों को उत्पन्न किया जाएगा। पांच समेकित एक्वा पार्क बनाए जाएंगे।
संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर भारत और दूसरे देशों के लिए भी एक परिवर्तनकारी कदम है। वित्त मंत्री ने कहा, कोविड के बावजूद हमने पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 3 करोड़ घर बनाने का काम पूरा हुआ। 2 करोड़ घर अगले 5 साल में और बनाए जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में कहा कि हमारी सरकार ने नागरिक प्रथम और न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन दृष्टिकोण के साथ जवाबदेह, जन केंद्रित और विश्वास आधारित प्रशासन प्रदान किया है। अमृतकाल के लिए सरकार ऐसी आर्थिक नीतियों को अपनाएं जो टिकाऊ विकास, सभी के लिए अवसरों, क्षमता विकास पर केंद्रित रहेंगी। रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के साथ हम सुधारों का अगला चरण शुरू करेंगे। समय पर आर्थिक मदद, प्रासंगिक प्रौद्योगिकी, डैडम् को सशक्त बनाने जैसे पहुलओं पर नई नीतियों के जरिए काम होगा। हम ऊर्जा सुरक्षा पर भी काम करेंगे।

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संसद में अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, पिछले 10 साल में 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए…ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महिलाओं को 70 प्रतिशत आवास महिलाओं को मिले हैं। औसत वास्तविक आमदनी 50 फीसदी बढ़ी है। महंगाई दर संभली हुई है। प्रोजेक्ट्स समय से पूरे हो रहे हैं। लोग अच्छे से रह रहे हैं और अच्छी आमदनी कर रहे हैं। बड़ी योजनाओं की प्रभावी तरीके से और समय पूरा किया जा रहा है। जीएसटी ने एक देश, एक मार्केट और एक टैक्स की धारणा को मजबूत किया है। आईएफएससी ने वैश्विक वित्तीय निवेश का रास्ता खोला है।श्श्गरीब का कल्याण, देश का कल्याण, हम इस मंत्र के साथ काम कर रहे हैं। श्सबका साथश् के उद्देश्य के साथ हमने 25 करोड़ लोगों को विविध तरह की गरीबी से बाहर निकाला है। भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

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वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल में हमने सबके लिए आवास, हर घर जल, सबके लिए बैंक खाते जैसे कामों को रिकॉर्ड समय में पूरा किया। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया। अन्नदाताओं की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया। पारदर्शिता के साथ संसाधनों का वितरण किया गया है। हम असमानता दूर करने का प्रयास किया है ताकि सामाजिक परिवर्तन लाया जा सके। पीएम के मुताबिक गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता, ये ही चार जातियां हैं, जिन पर हमारा फोकस है। उनकी जरूरतें, उनकी आकांक्षाएं हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।

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